Book Title: Jain Dharm me Tap Swarup aur Vishleshan
Author(s): Mishrimalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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कनोदी तप विशेषण है, और ये पल बाल मे कोतक है. यि साधना करने वाला सदा ही आहार की जनोदरी गरता है। जैन दर्शन तो यह भी मानता है कि नाम साना, अल्पाहावी होना, मनुष्य के मुगा नानाग्य का सूचक है। जो प्राणी जितना ही भाग्यशाली होगा, सुगी होगा तथा उन्नत होगा, उगे भूरा भी उतनी ही कम लगेगी और वह सदा कम नौजन में ही मंतुष्ट हो जायेगा, इस बात की पुष्टि के लिए आपके मक्ष प्रापना गुम (२८ या पद गा यह प्रशारण बताता हूँ।
भगवान में पूछा गया नया तिन भादि लोहको आहार करने पीछा गितने समय में होली ? उत्तर में मनाला ----
गार जीव मन्तहान (४८ मिनट में भोतमी) में भारी का
सियन जीन समन्य प्रति समय उत्कृष्ट यो दिन में आपका हो । मनुराहत कष्ट तीन दिन में
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