Book Title: Jain Dharm me Tap Swarup aur Vishleshan
Author(s): Mishrimalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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नमें स
dar & fa fra gra si fram et sua ami a 397 अपेक्षा से एक पनपता है।
चनीय समय का आहर पुरुष का आहार माना गया है। री का आहारपुर की अपेक्षा कम होता है अत: का
और २४
प्रमाण
मग जाये उतनी ही
का संपूर्ण आहार है। इस प्रमाण से जितना तो है । कोई कि अपने आहार का भोजन है यह अल्पाहार का जावा से
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और हकीम वका भोजन रात दीपकरा पाप का पूर्ण बहार करने वाला मोदी पर आहार करने वाला है।
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भोजन का भोजन का प्रमाणातिकांत भीगी कहा जाता है।
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