Book Title: Jain Dharm me Tap Swarup aur Vishleshan
Author(s): Mishrimalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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प्रस्तुत पुस्तक प्रकाशन में विशिष्ट सहयोगी
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शाह-बच्छराज जो सुराना - आप सोजत (मारवाड) के निवासी हैं । शाह-जयवंतराजजो होराचंदजी सुराना - सिंघियों की पोलवालों के सुपुत्र स्वर्गीय : बच्छ
राजजी सुराना, शांत स्वभावी, मिलनसार एवं सेवाभावी भद्रपुरुष थे । आपके भरे पूरे परिवार में विद्यमान जोधराजजी-संपतराजजी, मदनलाल जी, शुभराजजी, डूंगरचन्दजी आदि ५ पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं-आपका व्यापार-सेलम (मद्रास) में है । सारे भाई उदारमना एवं गुरुदेव के । अनन्य भक्त हैं।
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श्री बलवन्तराजजी खाटेड ..
आप बगड़ी निवासी दिलेर, उत्साही और क्रान्तिकारी विचारों के नवयुवक हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती सज्जनकुंवर वाई भी वड़ा धर्मपरायणा एवं विवेकशील हैं। श्री खाटेडजी का व्यवसाय मद्रास में है। बगड़ी के हाईस्कूल तथा छात्रावास के लिए आपकी सहायता प्रशंसनीय रही है। आप भी गुरुदेव के परम
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भक्त हैं।