Book Title: Jain Dharm me Tap Swarup aur Vishleshan
Author(s): Mishrimalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 640
________________ क ...' श्रीमान् स्वर्गीय सेठ हीराचंदजी. नेमीचंदजी बांठिया . आप मुल बगही नगर निवासी हैं । अभी मारकाट मद्राम में व्यापार है। बगड़ी नगर की उच्च माध्यमिक विद्यालय के लिए १५००० रु०, बगड़ी अस्पताल हा ५००० १०, जैन स्थानक सोजतरोड के लिए २५००० २० दिए हैं। आपने अपने जीवन में लगभग १००००० २० दान प्रदान किया है। आप बड़े मिलनमार, उदारमना, धर्म पर दृढ श्रादा रखते थे और पूज्य गुरुदेव । थी मचगनीजी के अनन्य भवत य। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती मदनकांबर बाई इसीप्रकार से आज भी नमाज एवं जनता की सेवा के लिए युन हाथों से दान दे रही हैं। सा "जैन धर्म में तप" ग्रन्थ के प्रकाशन में भी १००० रु प्रदान किए हैं। आप छोटी उन में ही स्वर्गवासी हो गये। स्व. श्री सोहनलालजी सेठिया : : श्रीमान् घोसुलालजी मोहनलालजी लेठिया र भावी मारवार निवासी हैं और प्र सार मगर में बड़े गुन्दर चल रहा है। आप मायण, मन एवं अहामील आ दानों नगर कमी को शामिक में लगातार । अभी आपने न यर मोहन ." क.. नाम नमाना निल मनोर

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