Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 01
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
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132 • 'द्रव्य-गु-५यायनो रास' तथा 'द्रव्यानुयोग५२मश' व्यायामा विदा पर्थोनी याही .
(४) सहभाविपर्याय (युगपद्भाविपर्याय) १८२-१८४ | (IV) अशुद्ध गुण अर्थपर्याय २१५४-२१६२, पर्याय (समानार्थक) ११९,१४३,२१७, १६४०,
२१६७ २०८२,२१११,२२२६ (२) व्यंजनपर्याय २११६-२१२८,२१७१-७२ पर्याय (सम्मतितर्क अनुसार)
(1) शुद्ध द्रव्य व्यंजनपर्याय २१३०(१) अर्थपर्याय ४३६-४३७,५०९,५१७,
२१३३,२१६४,२१७७-२१७९ १३५१,१६५४ (II) अशुद्ध द्रव्य व्यंजनपर्याय २१३४(२) व्यंजनपर्याय ४३६-४३७,५१०,५१७,
२१३५,२१६४,२१७६-२१८१, ५१९,१३५१,१६५४
२२००-२२०२ पर्याय-गुण उपचार देखिए उपनय
(III) शुद्ध गुण व्यंजनपर्याय २१३६(२) असद्भूत व्यवहार
२१३७,२१६५ पर्याय-गुण उपचार देखिए उपचार (+ आरोप)| (IV) अशुद्ध गुण व्यंजनपर्याय २१३८पर्याय-द्रव्य उपचार देखिए उपनय
२१४०,२१६५ (२) असद्भूत व्यवहार | पर्यायप्रज्ञापना देखिए प्रज्ञापना पर्याय-द्रव्य उपचार देखिए उपचार (+ आरोप) पर्यायप्ररूपणा नैगम देखिए नय (नवविध) पर्यायनाम प्रज्ञापना देखिए प्रज्ञापना
__ नैगम (हेमचन्द्रसूरिसम्मत) पर्याय नैगम (त्रिविध) देखिए नय (नवविध) पर्यायभेद देखिए भेद (प्रकार)
नैगम (वादिदेवसूरि - अन्यविध) | पर्याय लक्षण (दिगम्बरसम्मत) देखिए लक्षण पर्याय-पर्याय उपचार देखिए उपनय
(३७) पर्याय लक्षण (२) असद्भूत व्यवहार | पर्याय लक्षण (यापनीयसम्मत) देखिए लक्षण पर्याय-पर्याय उपचार देखिए उपचार (+ आरोप)|
(३७) पर्याय लक्षण पर्याय-पर्यायनैगम देखिए नय (नवविध) पर्याय लक्षण (श्वेताम्बरसम्मत) देखिए लक्षण नैगम (विद्यानंदस्वामी)
___ (३७) पर्याय लक्षण पर्याय-पर्यायिभाव संबंध देखिए संबंध | पर्याय-विजातीयगुण आरोप देखिए आरोप पर्याय प्रकार
(+ उपचार) (१) अर्थपर्याय २११७-२१२८,२१७१-७२, पर्यायशब्द प्रयोजन
२११४ ___२२१३ | पर्यायषट्क भेद देखिए भेद (प्रकार) (1) शुद्ध द्रव्य अर्थपर्याय २१४४-२१५३,
(२३) पर्यायभेद २१६७,२१६९-२१७२ | पर्यायार्थिक नय देखिए नय (आपादन प्रकार) (II) अशुद्ध द्रव्य अर्थपर्याय २१४४- | पर्यायार्थिक नय देखिए नय (नवविध)
२१५३,२१६७ | पर्यायार्थिक नय (षड्विध) देखिए नय (II) शुद्ध गुण अर्थपर्याय २१५४-२१६२,
(प्रकीर्णक) २१६७ | पर्यायार्थिकनय लक्षण देखिए लक्षण