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भजन संख्या
६४. पारस जिन घरन निरख
६५. वामा घर बजत बधाई
६६. पास अनादि अविद्या मेरी
६७. सांवरिया के नाम जपन तैं
६८. बंदों अद्भुत चन्द्रवीर जिन
६९. जय शिवकामिनीकंत वीर
७०. जय श्री वीर जिनेन्द्र चन्द्र
७१. हमारी वीर हरो भव पीर
७२. सब मिल देखो, हेली म्हारी रे
७३. जय श्री वीरजिन, वीरजिन, वीरजिनचंद
आत्म-स्वरूप
७४. आतम रूप अनुपम अद्भुत
७५. चिन्मूरत द्गधारी की मोहे, रीति लगत है अटापटी
७६. आप भ्रमविनाश आप आप जान पायो
७७. चेतन यह बुधि कौन सयानी
७८. चेतन कौन अनीति गही रे
७९. चेतन तैं यौं ही भ्रम ठान्यो
८०. चेतन अब धरि सहजसमाधि
८१. चिंदरायगुन सुनो मुनो प्रशस्त गुरुगिरा
८२. चित चिंतकें चिदेश कब, अशेष पर बमू
८३. राचि रह्यो परमाहिं तू अपनो, रूप न जानें रे
८४. मेरे कब है वा दिन की सुधरी ८५. ज्ञानी ऐसी होली मचाई
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