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आनन्द प्रवचन : भाग ८
विरले ही होते हैं। इसीकारण वे धर्मपालन में दुःख और कष्ट महसूस करते हैं । दुःख तो धर्मात्मा पर भी पड़ता है, परन्तु वह दुःख को इतना अनुभव नहीं करता। उसमें इतनी सहनशक्ति आ जाती है कि वह कष्ट को कष्ट नहीं समझता, हँसते-हँसते सह लेता है। . 'पीटर दि ग्रेट' रूस का एक बहुत क्रान्तिकारी, उदार और विद्वान बादशाह (जार) हुआ है । उसने मॉस्को में एक गिरजाघर (चर्च) बनवाया, उसमें वह हर रविवार को स्वयं प्रार्थना करने आता था। जनता की संख्या यहाँ तक बढ़ी कि हर रविवार को ५० हजार की संख्या प्रार्थना में उपस्थित हो जाती । एक दिन पीटर ने पादरी से कहा- "मेरी जनता कितनी धार्मिक और ईश्वरभक्त है ?" इस पर पादरी ने कोई उत्तर नहीं दिया। मगर दूसरे शनिवार की रात को पादरी ने मॉस्को की आम जनता में यह शोहरत करवा दी कि “कल प्रार्थना में बादशाह नहीं आएंगे।" दूसरे दिन बादशाह (पीटर) प्रार्थना करने उपस्थित हुए तो आश्चर्य चकित हो गए; क्योंकि वहाँ केवल सात व्यक्ति थे। पादरी ने बादशाह से कहा-जनता बादशाह की भक्त है, ईश्वर की नहीं । जनता केवल आपकी निगाह में आने के लिए, समाज में सम्मान पाने के लिए, अपनी कई प्रकार की स्वार्थ-सिद्धि के लिए, धार्मिक स्थानों पर आती है, ईश्वर की पूजा या धर्माचरण से जीवन को ओतप्रोत बनाने के लिए नहीं।
केवल ईसाई धर्मियों की नहीं, प्रत्येक धर्म वालों की आज प्रायः यही स्थिति है। प्रत्येक धर्म के सिद्धान्त बहुत ऊँचे-ऊँचे हैं, पर उन सिद्धान्तों पर चलने वाले आपको मुट्ठी भर मिलते हैं।
यही कारण है कि धर्म को लोगों ने फर्नीचर की तरह सजावट और दिखावट की चीज बना दी है। बाहर से तो धर्म पर बड़े-बड़े भाषण देंगे, विवाद करेंगे, लड़ेंगे-मरेंगे, पर धर्ममय जीवन जीने के लिए कम तैयार होंगे। इसीलिए पाश्चात्य विचारक कॉल्टन (Colton) कहता है
. "Men will wrangle for religion; write for it; fight for it; die for it, anything but live for it."
मनुष्य धर्म के लिए विवाद करेंगे, इसके लिए लिखेंगे, लड़ेंगे, मर जायेंगे, सिवाय धर्ममय जीवन जीने के वे सब कुछ करेंगे। महामहिम धर्म दिखाई क्यों नहीं देता ?
कुछ लोग यह प्रश्न उठाते हैं कि धर्म जब इतना व्यापक है कि झौंपड़ी से लेकर महलों तक सभी लोग इसका आचरण कर सकते हैं, यह इतना तेजस्वी है कि जीवन में नवसंस्कारों के प्राण फूंकना है, मनुष्य को ऊर्ध्वगामी बनाता है, मोक्ष प्रदान करा देता है, मानवत्व से देवत्व तक प्रतिष्ठित करा देता है, जिस व्यक्ति में
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