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הכתבהפיכתכרכרככתכוכתכתבתבחפיפתפתפתכתפיפיפיפיפיפיפיפיפיפיפיפים
उद्धरण-स्थल-संकेत (स्पष्टीकरण)
संगृहीत उद्धरणों के अन्त में दाईं ओर, उस ग्रन्थ का और उसके उस स्थल का कोष्ठक के अन्दर संकेत किया गया है जहां से वह थोक/पद्य उद्धृत है। मुद्रण-सुविधा की दृष्टि से ग्रन्थ । *के नाम व स्थल को प्रायः संक्षिप्त रूप में अंकित किया गया है जिसका स्पष्टीकरण इस प्रकार 卐 समझना चाहिए:
संक्षिप्त ग्रन्थ का
उद्धृत स्थल-संकेत ग्रन्य नाम नाम
(स्पष्टीकरण) अनुयो. अनुयोगद्वार सूत्र
श्रुतस्कंध/अध्ययन/उद्देशक/सूत्र संख्या अयो. द्वा. अयोगव्यवच्छेदिका (आ.हेमचन्द्र कृत द्वात्रिंशिका) शोक संख्या आचा. आचारांग सूत्र
श्रुतस्कंध/अध्ययन/उद्देशक/सूत्र संख्या आचा. चू. आचारांग-चूर्णि (आ. जिनदास गणि महत्तर) । गाथा संख्या आचा. नि. आचारांग-नियुक्ति (आ. भद्रबाहु द्वितीय) गाथा संख्या आ. पु. आदिपुराण (आ. जिनसेन)
पर्व/थोक संख्या उत्तराध्ययन सूत्र
अध्ययन/गाथा संख्या उत्त. नि. उत्तराध्ययन-नियुक्ति (आ. भद्रबाहु द्वितीय) गाथा संख्या उपासका. उपासकाध्ययन (आ. सोमदेव)
कल्प/श्लोक संख्या उ.पु. उत्तरपुराण (आ. गुणभद्र)
पर्व/ोक संख्या
धारणप
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