________________
विशेष फलदायक होते हैं। नरम व गुदगुदे होने पर यदि ऊपर से चिकने भी हों तो हाथ का मूल्य बहुत अधिक बढ़ जाता है। अतः हाथ जितना नरम, कोमल व गुदगुदा होगा, व्यक्ति का स्तर उतना ही ऊंचा हो जाता है। इस प्रकार के हाथ नवाबों, राजाओं, बड़े घरों की स्त्रियों, व्यापारियों तथा सभी वर्गों में पाये जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों को रोग अधिक होते हैं। इनको गर्मी-सर्दी अधिक लगती है। ऐसे व्यक्तियों में सहनशीलता अधिक होती है, अतः उसी समय विरोध करते हैं, जब किसी बात की हद हो जाती है। अधिक कहा-सुनी होने पर इन्हें बहुत बुरा लगता है और तब इनसे स्पष्ट व रूखा जवाब सुनने को मिलता है।
कोमल हाथ वाली स्त्रियों की मस्तिष्क रेखा व जीवन रेखा मिली हो तो हर तीसरे वर्ष सन्तान उत्पन्न हो जाती है और जीवन रेखा गोलाकार होने की दशा में सन्तान की संख्या भी अधिक होती है। ऐसे व्यक्तियों की कमर में दर्द रहता है। कोमल हाथ वाले व्यक्ति आराम तलब होते हैं। ये बुद्धिमान तथा अधिक लिहाज वाले होते हैं। भाग्य रेखा में दोष होने पर ऐसे व्यक्ति देर से सफलता प्राप्त करते हैं। क्योंकि ये स्पष्ट रूप से विरोध नहीं कर सकते, फलस्वरूप जीवन में रुकावट आती है और नुकसान उठाते हैं। कोमल हाथ वाले व्यक्ति अधिक वासना प्रिय होते हैं।
ऐसे व्यक्तियों को वृद्धावस्था में रोगों का सामना करना पड़ता है। इन्हें वृद्धावस्था में मूत्ररोग, हृदयरोग, फेफड़ों की बीमारियां, रक्तचाप, वायुरोग आदि रहते हैं।
कोमल हाथ वाले व्यक्तियों को अचानक द्रव्यप्राप्ति के अवसर प्राप्त होते हैं, जैसे लाटरी, सट्टा, उपहार, विवाह आदि अवसर पर लाभ, सन्तान से धन लाभ, पैतृक सम्पत्ति व इष्ट मित्रों से लाभ इत्यादि। ऐसे व्यक्ति अपने व्यवहार से कहीं भी घुल-मिल जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों में कम बोलने, चुप रहने, अधिक मिलनसार न होने वालों को अचानक द्रव्य प्राप्ति के अवसर तो आते हैं, परन्तु मित्रगण आदि से लाभ नहीं होता।
मस्तिष्क रेखा स्वतन्त्र होने की दशा में आपत्ति के समय अनिष्ट की आशंका से हृदय की धड़कन बढ़ जाती है।
= कठोर हाथ
-
कठोर हाथ दो प्रकार के होते हैं। एक तो देखने में या छूने में बिल्कुल लकड़ी जैसे लगते हैं। दूसरे हाथ अधिक कठोर नहीं होते, परन्तु इनका गठन सुन्दर और मजबूत होता है। इन्हें हम मजबूत हाथ भी कहते हैं। ऐसे हाथ अपेक्षाकृत कम दोषपूर्ण होते हैं। अंगूठा कम खुलने या सख्त होने की दशा में कठोर हाथ अधिक दोषपूर्ण होता है, किन्तु अंगूठा लम्बा और पतला हो तो इस दोष से मुक्ति हो जाती है। अंगूठा खुलने
33
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org