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ऐसे व्यक्ति सच्चे और सहृदय होते हैं। अपनी बुराई या भेद की बातें इनके सामने बताकर कोई भी इनकी गोपनीय से गोपनीय बात भी पूछ सकता है परन्तु ये आदर्शवादी होते हैं। प्रौढ़ावस्था में इन्हें पुरुष हो तो स्त्री से और स्त्री हो तो पुरुष जाति से घृणा हो जाती है । आरम्भ में ऐसे व्यक्ति प्रेम आदि के कारण बदनाम होते हैं और अन्त में किसी गुण के कारण प्रसिद्ध होते हैं। यह बदनामी इन्हें व्यर्थ ही मिलती है, इनकी इसमें कोई गलती नहीं होती।
चित्र - 133
बुध उंगली का नाखून छोटा व बृहस्पति की दोनों उंगलियों के नाखूनों में अन्तर अर्थात् छोटे-बड़े हों तो ऐसे व्यक्ति जो भी आलोचना करते हैं, सत्यतापूर्ण एवं तथ्यों पर आधारित होती है । ऐसे व्यक्ति स्थान, मकान, कला, प्रकृति, प्रेमी, यहां तक कि ईश्वर में भी कमी महसूस करते हैं और यह वास्तव में सच होती है। ये अपने मस्तिष्क के द्वारा सत्य का अनुसंधान करते हैं। हाथ में विशेष भाग्य रेखा हो तो कई खोजें जैसे उपन्यास, साहित्य, संगीत, ज्योतिष या इस प्रकार की कोई गवेषणा करते हैं। हृदय रेखा शनि के नीचे रुकने पर, हाथ में अधिक भाग्य रेखाएं या पतली भाग्य रेखा जीवन रेखा से दूर हो तो व्यक्ति ऐसी सम्पत्ति का निर्माण करते हैं जो इनके वंश में अद्वितीय होती है । सोच-सोच कर व किस्तों में यह सम्पत्ति बनाई जाती है और इसके पूरा होने में वर्षों लगते हैं। इनकी जीवन रेखा से शनि के नीचे छोटी भाग्य रेखा भी निकलती हो तो सम्पत्ति निर्माण पूरे जीवन भर की योजना होती है और जीवन भर होने पर भी अधूरी रह जाती है।
हृदय रेखा शनि के नीचे रूक कर उंगलियों से अधिक दूर नहीं हो तो ऐसे व्यक्ति स्त्री होने पर पुरुषों और पुरुष होने पर स्त्रियों के द्वारा पीटे जाते हैं। यद्यपि इनका कोई दोष इसमें नहीं होता । हृदय रेखा उंगलियों से दूर होने पर केवल लांछन भर आता है । ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान व मनस्वी होते हैं। ऐसे व्यक्ति पचड़े में नहीं पड़ते, अतः इनका कोई दोष होने का प्रश्न ही नहीं उठता। दूसरों के कहने अथवा प्रभाव में आकर कुछ न कुछ गलत कर डालने का ही यह फल होता है। हाथ उत्तम होने पर यदि हृदय रेखा शनि के नीचे समाप्त होती है और उंगलियों से दूर होकर मस्तिष्क रेखा के पास हो तो व्यक्ति मेहनती, सात्विक तथा अनेकों का पालन करने वाले व प्रसिद्ध होते हैं।
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