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इन हाथों में भाग्य रेखा विशेष रूप से बड़ी देखी जाती है। अत: विशेष भाग्य रेखा के सभी फल यहां लागू होते हैं। शनि व सूर्य की उंगली बराबर होने पर ऐसे व्यक्ति की रुचि सट्टे में होती है, क्योंकि जल्दबाज होने के कारण ये अपनी धन सम्बन्धी समस्या को शीघ्र ही हल करना चाहते हैं, परन्तु एक बात विशेष रूप से अनुभव की गई है कि यदि ये एक लाख रुपये से कम का सट्टा करें तो हानि होती है, इससे बड़े सट्टे में लाभ होता है।
हृदय और मस्तिष्क रेखा अधिक दूर ==
हृदय व मस्तिष्क रेखा का अन्तर अधिक होना एक गुण है। ऐसे व्यक्ति को पूर्ण मनुष्य कहा जा सकता है। ये दयालु, दानी, उदार व विशाल हृदय होते हैं। उंगलियां लम्बी, हाथ गुलाबी तथा भाग्य रेखा पतली, विशेष भाग्य रेखा, भाग्य रेखा जीवन रेखा से दूर होने पर इस गुण में विशेष वृद्धि होती है। इनमें सहन शक्ति भी अधिक होती है।
अपने परिवार के विषय में ऐसे व्यक्ति उदार व सहनशील होते हैं, स्वयं हानि उठाकर भी परिवार का हित करते हैं। हृदय रेखा बृहस्पति की उंगली के पास हो तो भी इस गुण में वृद्धि हो जाती है, ऐसे व्यक्ति हर एक की मदद करते हैं। इसी उदारता के कारण ये नकद नहीं बचा पाते, सम्पत्ति ही अधिक होती है। इनके परिवार में सभी उदार-हृदय होते हैं, फलस्वरूप इनका सम्मिलित परिवार देर तक चलता है। दोनों हाथों में हृदय व मस्तिष्क रेखा का अन्तर अधिक होने पर ऐसा निश्चित रूप से कहा जा सकता है। नौकरी करने पर कार्यालय में भी ऐसे व्यक्ति सहयोग से कार्य करते हैं। सन्यासी या गुरू होने पर अपने शिष्यों पर असीम प्रेम न्यौछावर करने वाले होते हैं। इनके शिष्य या सन्तान भी विशाल हृदय वाले होते हैं, आपस में वैमनस्य नहीं रखते।
हृदय व मस्तिष्क रेखा का अन्तर एक हाथ में अधिक हो तो परिवार में भाई या कोई अन्य स्वार्थी होता है, जिसके कारण सम्मिलित परिवार टूटने की नौबत आ जाती है, इन्हें यह बहुत महसूस होता है। ऐसे व्यक्ति सब कुछ अपने भाई के लिए छोड़ कर अलग हो जाते हैं या बंटवारे के समय स्वयं हानि उठाकर दूसरे भाइयों को लाभ देते हैं। इन्हें अति-मानव कहना चाहिए। मित्रों रिश्तेदारों व हर व्यक्ति से इन्हें हानि ही हाथ लगती हैं, कभी-कभी जानबूझकर भी हानि उठाते हैं।
___ अंगूठा लम्बा व उंगलियां पतली और छोटी होने पर समझदार होते हैं तथा उपरोक्त फलों में बहुत कमी हो जाती है। ऐसे व्यक्ति में उदारता तो होती है परन्तु पात्रता भी
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