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बच्चे व स्वयं को किसी स्त्री के कारण लाभ होता है।
मंगल रेखा होने पर निर्दोष राहू रेखा, हृदय रेखा तक गई हो, साथ में विशेष भाग्य रेखा और विवाह रेखा में त्रिकोण हो तो स्त्री होने पर पुरुष और पुरुष होने पर स्त्री से लाभ होता रहता है। इनके सम्बन्ध बड़े व्यक्तियों जैसे सेनानायक, राष्ट्रनायक, राष्ट्रपति आदि से रहते हैं। जासूस या चरित्रहीन होने पर ऐसी स्त्रियों के कारण कभी-कभी राष्ट्रपति या राष्ट्रनायकों को बदनाम होकर अपने पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
मंगल रेखा के आरम्भ, मध्य या अन्त में त्रिकोण हो तो भी दूसरों से लाभ होता रहता है।
हाथ में बृहस्पति मुद्रिका व मंगल रेखा हो, सूर्य रेखा, मस्तिष्क या हृदय रेखा से निकली हो, जीवन रेखा गोलाकार हो और भाग्य रेखा चन्द्रमा से निकलकर शनि पर जाती हो तो पुरुष होने पर पुरुषों और स्त्री होने पर स्त्रियों से ही लाभ होता है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की सेवा करने वाले होते हैं। अंगूठे के नीचे शुक्र पर त्रिकोण से निकली हुई एक से अधिक शुक्र रेखाएं हों तो वसीयत या गोद से लाभ होता है (चित्र-179)।
पूरी व निर्दोष मंगल रेखा होने पर, जीवन रेखा घुमावदार हो तथा प्रभावित रेखा, भाग्य रेखा पर मिलती हो और अंगूठे के नीचे त्रिकोण सहित शुक्र रेखाएं हों तो स्त्री होने पर पुरुष और पुरुष होने पर स्त्री से लाभ रहता है।
मंगल रेखा व प्रभावित रेखा में तारा हो तो प्रेमी के कारण या तो मृत्यु का शिकार होना पड़ता है या दोनों की मृत्यु एक साथ होती है। अन्य दोषपूर्ण लक्षण देखकर यह निर्णय कर लेना चाहिए कि प्रेम में असफल होकर दोनों आत्महत्या तो नहीं कर लेंगे?
चित्र-179 मंगल रेखा होने पर, शुक्र प्रधान व उंगलियां लचीली या कठोर हों, हृदय रेखा बृहस्पति पर और भाग्य रेखा में प्रभावित रेखा हो तो व्यक्ति अपने प्रेमी को लेकर भाग जाते हैं। यहां एक बात विशेष रूप से ध्यान देने की है कि हृदय रेखा बृहस्पति पर जाने की दशा में मस्तिष्क रेखा के समानान्तर हो जाती है और समानान्तर मस्तिष्क रेखा वाले व्यक्ति जो भी विचार करते हैं, उसे किसी भी दशा में कार्य रूप में परिणित करते हैं। फलतः प्रेमी-प्रेमिका शीघ्र ही अपने ध्येय को पूर्ण करने की दिशा में भागने का विचार करते हैं। उंगलियां मोटी होने पर ये कोई न कोई बौद्धिक गलती करते हैं, अतः पकड़े जाते हैं। उंगलियां पतली व
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