Book Title: Vruhad Hast Rekha Shastra
Author(s): Rajesh Anand
Publisher: Gold Books Delhi

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Page 256
________________ सेना में होने पर उपरोक्त राहू द्वीप वाले व्यक्ति गोली से बचते हैं। स्त्री होने पर स्वयं तथा पुरुष होने पर पत्नी को गर्भाशय रोग जैसे रसौली, गर्भपात, सूजन, रक्त में कमी आदि रहते हैं। जिस आयु में ऐसी राहु रेखा, हृदय रेखा में मिलती है, उस समय तक जीवन का अभ्युद्य नहीं होता। इनके वंश में कोई स्त्री विधवा रहती है व पुरुष के दो विवाह होने का योग होता है। ऐसे व्यक्ति स्वभाव के तेज स्पष्ट वक्ता व क्रोधी होते हैं। जिस आयु में यह मस्तिष्क रेखा पर मिलती है, उस आयु में सन्तान की लापरवाही, असामाजिक कार्यों व व्यवहार के कारण चिन्ता रहती है। ऐसे व्यक्तियों के जीवन साथी वृद्धावस्था तक साथ नहीं देते। राहु रेखाएं पास-पास दो या तीन होने पर यदि निर्दोष भी हों और हाथ अच्छा हो तो ऐसे व्यक्ति राजनीति में ऊंचे पदों पर पाये जाते हैं। इन्हें राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त होता है। तीन राहु रेखाएं होने पर गोद की सम्पत्ति का भी लाभ प्राप्त होता है। दो या अधिक राहु रेखाओं से मिल कर मस्तिष्क रेखा में द्वीप बनता हो तो वंश में जवान मृत्यु का संकेत है, ऐसी दशा में कई मृत्यु भी होती हैं। यदि मस्तिष्क रेखा टेढ़ी हो तो इसमें कोई शंका नहीं रहती। राहु रेखा बुध तक जाती हो तो चालबाजी से सम्मान प्राप्त करते हैं। हाथ में मंगल रेखा होने पर साहसिक कार्य से, शनि की उंगली लम्बी व चन्द्रमा उन्नत होने पर संगीत, गायन या वादन से, विशेष भाग्य रेखा और उंगलियां लम्बी होने पर समाज सेवा से, बुध उन्नत व मस्तिष्क रेखा में दोनों ओर द्विभाजन होने पर बौद्धिक कार्य से, मस्तिष्क रेखा की शाखा चन्द्रमा की ओर जाने पर साहित्य सृजन के द्वारा, मस्तिष्क रेखा से छोटी-छोटी शाखाएं निकलने व मस्तिष्क रेखा व हृदय रेखा समानान्तर होने पर किसी अनुसंधान कार्य से, सम्मान प्राप्त होता है। बुध की उंगली टेढ़ी व छोटी होने पर ऐसे व्यक्ति गुप्तचरी कार्य के द्वारा सम्मान प्राप्त करते हैं। जिस आयु तक मस्तिष्क रेखा व जीवन रेखा को मोटी राहु रेखाएं काटती रहती हैं, उस आयु तक भाग्योदय नहीं होता, उस आयु के पश्चात् ही उन्नति कर पाते हैं तो भी जीवन भर इन रेखाओं का कुछ न कुछ प्रभाव बना रहता है। राहु रेखा होने पर यदि जीवन रेखा की शाखा चन्द्रमा पर जाती हो या जीवन रेखा का झुकाव चन्द्रमा की ओर हो तो व्यक्ति को विवाह के पश्चात् शान्ति नहीं मिलती। ऐसे व्यक्तियों के इनके जीवन साथी से विचार नहीं मिलते। ___ भाग्य रेखा, मस्तिष्क रेखा पर रुकने के स्थान पर राहु रेखा मस्तिष्क रेखा को काटती हो तो जीवन साथी की मृत्यु हो जाती है। जीवन रेखा को आरम्भ में गहरी राहु रेखा काटती हो तो प्रारम्भ से ही सम्पत्ति या अन्य झगड़े या मुकद्दमें बाजी आरम्भ हो जाती हैं और पूरे जीवन भर इस प्रकार की घटनाएं होती रहती हैं। भाग्य रेखा, हृदय रेखा में रुकी होने की दिशा में 50 वर्ष के पश्चात् ही ये झगड़े समाप्त हो 255 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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