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मस्तिष्क रेखा के निकास के पास हो तो विशेष दोषपूर्ण फल प्रदान करती है। इस आयु में जीवन में ऊथल-पुथल, रोग, स्थान परिवर्तन, राजभय, मृत्यु, दुर्घटना आदि फल होते हैं। राहु रेखा थोड़ी भी दोषपूर्ण होने पर पतन की ओर ले जाती है। ऐसे व्यक्तियों को जेल का भय, दुर्घटना, या रोग आदि का सामना करना पड़ता है।
उत्तम हाथ में निर्दोष व लम्बी राहु रेखा, व्यक्ति को राष्ट्रीय सम्मान प्राप्ति की पुष्टि व विशेष उन्नति की सूचक होती है। इस प्रकार की निर्दोष राहु रेखाएं मन्त्रियों, बड़े व्यापारियों या शोधकर्ताओं के हाथों में पाई जाती हैं। निर्दोष राहु रेखा होने पर, यदि मस्तिष्क रेखा व हृदय रेखा समानान्तर हों तो ऐसे व्यक्ति नया अन्वेषण । करके राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करते हैं। इस दशा में राहु रेखा हाथ के मूल्य को बढ़ा देती है। मस्तिष्क रेखा शाखायुक्त, द्विभाजित या इससे भाग्य रेखाएं निकलने पर सम्मान प्राप्ति में कोई शंका नहीं रहती। नौकरी में होने पर कोई विशेष प्रमाण पत्र, सम्मान या पदक मिलता है, जो जीवन में महत्व रखता है। इनके सम्बन्ध सेना के बड़े अफसरों और मन्त्रियों जैसे बड़े व्यक्तियों -7 से होते हैं।
चित्र-182 ___ मस्तिष्क रेखा या इसकी शाखा बुध पर जाने की दशा में यदि राहु रेखा से बुध पर बड़ा द्वीप बनता हो तो व्यक्ति सम्मानित व शक्ति सम्पन्न होता है। ऐसे व्यक्ति मन्त्री होते हैं (चित्र-183)। राहु रेखा मामा के वंश के लिए अच्छी नहीं मानी जाती। ऐसे व्यक्तियों के मामा
के वंश में किसी व्यक्ति को सन्तान सुख नहीं होता। कोई युवावस्था में मरता है, सन्तान कन्या ही होती है या विवाह न करने के कारण सन्तानहीन रहते हैं। यह रेखा जितनी ही जीवन व मस्तिष्क रेखा के निकास के समीप होती है। उतना ही नाना के वंश में अधिक दोष होता है। कभी-कभी तो नाना का वश ही समाप्त "हो जाता है। निकास के समीप होने पर यह रेखा 18 वर्ष की आयु तक जीवन में दुःखद घटनाओं का लक्षण है। स्वयं या नाना के वंश में कोई बड़ी दुर्घटना जैसे किसी की मृत्यु, कत्ल आदि घटनाएं होती हैं, अधिक मोटी होने पर वंश समाप्त हो जाता है।
बाल्यावस्था में घर से दूर रहना, परिवार में धन चित्र-183
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