________________
मस्तिष्क रेखा निर्दोष होने पर दूर चले जाते हैं, पकड़ में नहीं आते।
मंगल रेखा होने पर शुक्र बैठा हुआ हो, हृदय रेखा, बृहस्पति पर, शुक्र रेखा जीवन रेखा से कोई भाग्य रेखा निकल कर शनि की ओर जाती हो और बृहस्पति मुद्रिका हो तो प्रेमी या प्रेमिका से लाभ होता है। ऐसे व्यक्तियों के सम्बन्ध सात्विक होते हुए भी, बदनामी मिलती है। शुक्र बैठा होने पर ये वासना प्रिय नहीं होते। प्रेम तो होता है, परन्तु वासना पूर्ति का विचार मन में भी नहीं आता, तो भी बदनाम तो हो ही जाते हैं। ___मंगल रेखा हो और सूर्य रेखा, जीवन रेखा से निकलकर सूर्य पर जाती हो तो सिनेमा, भूमि, खेती या खनन कार्य से बहुत लाभ होता है। ऐसे व्यक्ति होटल का व्यवसाय भी करें तो लाभ होता है। शनि की उंगलियां लम्बी होने पर नाटक, अभिनय या लेखन से धन व सम्मान प्राप्त होता है। बृहस्पति मुद्रिका के साथ शनि की उंगली लम्बी होने पर गीता, भागवत, रामायण, बाईबिल आदि के लेखन व वाचन से लाभ होता है। मंगल रेखा पूरी होने की दशा में शनि की उंगली लम्बी, भाग्य रेखा गहरी या मंगल उन्नत हो तो बाग-बगीचें, फूल-फलों आदि से धन प्राप्त होता है।
मंगल रेखा, बुध की उंगली टेढ़ी व शुक्र पर अधिक रेखाएं हों तो भ्रमण, गाईड का कार्य, चढ़ाई चढ़ने, सैनिक शिक्षा, जानवर, पक्षी, सांप पालने या नाचने से लाभ होता है। मंगल रेखा होने पर शनि उन्नत, शनि की उंगली लम्बी, मस्तिष्क रेखा व हृदय रेखा के बीच सुन्दर क्रास हो तो जानवरों के प्रदर्शन, मन्त्र प्रभाव, हाथ के कला कौशल व चमत्कार आदि से धन व ख्याति प्राप्त होती है। मंगल रेखा पूरी, जीवन रेखा अधूरी और भाग्य रेखा टुकड़े-टुकड़े होकर आगे जाती हो, प्रभावित रेखा भी कुछ इसी प्रकार की हो तो साझेदारों के कारण चाहे ये परिवार के ही क्यों न हों, काम में रुकावट पड़ती है। ऐसे व्यक्ति स्वयं स्वभाव के तेज और झगड़े का कारण होते हैं। ___ मंगल से कोई रेखा आकर भाग्य रेखा को बिना काटे इसके साथ चलती हो तो ऐसे व्यक्ति से लाभ होता है जो कठोर, कैदी या हत्यारे होते हैं। निर्दोष मंगल रेखा होने पर हृदय व मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण हों तो धन व स्वास्थ्य की इतनी परेशानी नहीं होती, जितनी कि सिद्धान्त रूप में होनी चाहिए। मंगल रेखा में तिल होने पर सिर में चोट लगती है व भयंकर बुखार होता है। ऐसे व्यक्ति को विष का भय रहता है या कोई जहरीला जानवर काटता है। ये क्रोधी, किसी से न दबने वाले व खुलकर विरोध करने वाले होते हैं। ___ मंगल रेखा, जीवन रेखा के समीप होने पर, यदि बीच में काले दाग हों तो व्यक्ति को जहर दिया जाता है या वह स्वयं ही जहर खा लेता है। जीवन रेखा व मस्तिष्क रेखा अलग होने पर, आरम्भ में दोनों के बीच में चतुष्कोण हो तो व्यक्ति जहर खाता
251
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org