Book Title: Vruhad Hast Rekha Shastra
Author(s): Rajesh Anand
Publisher: Gold Books Delhi

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Page 257
________________ पाते हैं। भाग्य रेखा में द्वीप होने पर इसे गहरी राहु रेखा काटती हों तो जीवन साथी से विछोह या तलाक हो जाता है। ऐसी मोटी रेखा जब निर्दोष भाग्य रेखा को काटती है तो कार्य में परिवर्तन, नौकरी में होने पर अवांछित स्थानान्तरण आदि की घटनाएं होती हैं। राहु रेखा की उपस्थिति में, पारिवारिक कलह के लक्षण होने पर पति-पत्नी की आपस में नहीं बनती। इनके जीवन साथी को उसके परिवार का कोई विशेष व्यक्ति जैसे मां इत्यादि उल्टा-सीधा सिखाते हैं, फलस्वरूप परिवार में अशान्ति रहती है। __मंगल से दो राहु रेखाएं एक साथ पास-पास निकलकर जब शनि के नीचे मस्तिष्क रेखा को छूती हो तो ऐसे व्यक्ति का मानसिक सन्तुलन ठीक नहीं रहता है (चित्र-185)। शुक्र पर चन्द्रमा उन्नत या जीवन रेखा व मस्तिष्क रेखा का जोड़ लम्बा हो और मस्तिष्क रेखा में शनि के नीचे दोष होने पर वहम या सनक होती है। इन्हें भूत-प्रेत, छाया-पुरुष या किसी ऐसी बाहरी शक्ति का प्रभाव होता है। इनके कानों में बाहर से कोई आवाज सुनाई देती है और ये उसी के अनुरूप आचरण करने को बाध्य होते हैं। अपने आप बातें करना या ध्यान में कोई दिखाई देना, मस्तिष्क पर दूसरे का नियन्त्रण या प्रभाव मालूम होना आदि लक्षण इस दशा में प्रतीत होते हैं। ऐसे व्यक्तियों को हठयोग साधना, त्राटक, भूतविद्या साधना या इस प्रकार की कोई उपासना नहीं करनी चाहिए अन्यथा पागल होने का डर रहता है। इन्हें अनुभव होने वाली घटनाएं लगभग सही होती। हैं और ऐसा अनुभव होता है जैसे कोई इन्हें आगे होने वाली घटनाओं का सही-सही पता बता देता है। गायत्री मंत्र का जप, शिव उपासना या गंगा जल पीने से इन्हें लाभ होता है। ऐसे व्यक्ति आलसी होते हैं। इस लक्षण में विशेषतया यह बात ध्यान देने की है कि राहु रेखा मस्तिष्क रेखा पर शनि के नीचे ही रुकती हो, दूसरे स्थान पर नहीं। उपरोक्त प्रकार की दो राहु रेखाएं मोटी हों और चित्र-185 शनि के नीचे रुकें तथा जीवन रेखा आरम्भ में पतली या मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण हो तो अंग-भंग का लक्षण है। दुर्घटना में ऐसे व्यक्तियों का अंग-भंग होता है। __इन्हें पेट में कष्ट, गुर्दे या मूत्र के रोग होते हैं। कई बार राहू रेखा, जीवन रेखा के आरम्भ से निकल कर मस्तिष्क रेखा के साथ चलकर 45 या 50 वर्ष की आयु के आस-पास मस्तिष्क रेखा को छूती या काटती है। यह रेखा दोहरी मस्तिष्क रेखा 256 H.K.S-16 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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