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ऐसे व्यक्ति समय के अनुसार कोमल व कठोर होते हैं अर्थात् जैसा समय होता है, उसी प्रकार का व्यवहार करते हैं । स्वतन्त्र मस्तिष्क व स्पष्ट वक्ता होने के नाते दूसरों से इनकी कम बनती है। अंगूठा सुदृढ़, हाथ लम्बा व गुलाबी होने पर ये निश्चय के पक्के होते हैं। छोटी उंगलियों वाले अधिक स्वार्थी देखे जाते हैं, बिना स्वार्थ के बात-चीत करना भी पसन्द नहीं करते, हर कार्य में अपना ध्यान पहले रखते हैं। ऐसे व्यक्ति दान या परोपकार में विश्वास नहीं करते परन्तु गुलाबी हाथ हो तो परोपकारी होते हैं।
इनकी ध्यान शक्ति इच्छा होती है परन्तु अभ्यास निरन्तर नहीं चलता, फलस्वरूप देर से सफल होते हैं। जब सफलता होती है तो अभूतपूर्व होती है। ऐसे व्यक्ति भक्ति की ओर न जाकर, योग साधना की ओर बढ़ते हैं। हृदय और मस्तिष्क रेखा एक होने पर, यदि चन्द्रमा की ओर से कोई भाग्य रेखा का टुकड़ा मस्तिष्क रेखा को छूता हो तो 39 वर्ष की आयु में कोई प्रेम सम्बन्ध होता है। इस फल के लिए शुक्र उठा होना आवश्यक है। यह प्रेमी जीवन साथी की तरह से साथ लग जाता है, कभी-कभी तो ऐसे सम्बन्ध जीवन भर चलते देखे जाते हैं, परन्तु होते अनैतिक ही हैं।
काला हाथ होने पर ऐसे व्यक्ति दुनिया भर के ऐब करने वाले व चरित्रहीन होते हैं। मस्तिष्क रेखा का निकास मंगल से, अंगूठा मोटा व टोपाकार होने पर तो ये हत्यारे, मांस विक्रेता या इस प्रकार के कार्य करने वाले होते हैं । लेकर देना भी नहीं जानते। हाथ कोमल, भारी, चिकना, बड़ा व लम्बा हो तो दयालु होते हैं। समय पर नरम और समय पर कठोर होते हैं परन्तु इनको जब कोई बात चुभती है तो मरने के बाद ही मस्तिष्क से निकल पाती है। ऐसे व्यक्ति अपने शत्रु को जीवित नहीं देखना चाहते। ये स्पष्टवक्ता, सतर्क व चतुर होते हैं। मस्तिष्क रेखा में द्विभाजन, उंगलियां पतली या इस प्रकार के अन्य लक्षण होने पर अति चतुर होते हैं इन्हें स्वार्थी भी कहा जा सकता है।
इनके दोतों में रोग अवश्य पाया जाता है। यह इस लक्षण की एक मुख्य पहचान है, अतः इस लक्षण से दांतों में खराबी होना अति आवश्यक है। ऐसे व्यक्तियों में वीर्य विकार या यौन सम्बन्धी कमजोरी भी पाई जाती है। यह रोग मानसिक कमजोरी के कारण होता है, अतः जब भी मस्तिष्क पर दबाव होता है इस प्रकार की समस्या सामने आती है। इनके पैर में टखने के पास चोट लगती है, यह चोट साधारण नहीं होती। जीवन रेखा में दोष या अधूरी होने पर इन्हें सन्तान की परेशानी जैसे सन्तान न होना, पत्नी का गर्भपात आदि रहती है। इनकी पत्नी का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता, बीमार चलती रहती है। इन्हें गर्भाशय की कमजोरी, श्वेत प्रदर या रक्त प्रदर, गर्भपात आदि रोग होते हैं और गर्भाशय के ऑपरेशन की सम्भावना रहती है। जीवन
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