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अन्य महत्वपूर्ण रेखाओं का विस्तृत ज्ञान
= विशेष भाग्य रेखा =
हाथ में उंगलियों के पास, हृदय रेखा के ऊपर, बृहस्पति ,शनि व सूर्य के नीचे एक रेखा देखी जाती है (चित्र-164)। कई व्यक्ति इस रेखा को शुक्र-मुद्रिका
समझते हैं परन्तु यह शुक्र-मुद्रिका न होकर विशेष भाग्य रेखा होती है। यह रेखा सुख, प्रसिद्धि एवं समृद्धि का लक्षण है। यह हाथ का मूल्य बढ़ाने वाली और छोटी होने पर भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। बृहस्पति से सूर्य के नीचे तक इसकी स्थिति अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है और इसी दशा में यह सर्वोत्तम मानी जाती
शुक्र मुद्रिका, शनि की उंगली के पास से आरम्भ होकर सूर्य व बुध की उंगली के बीच जाती है। परन्तु
विशेष भाग्य रेखा मुड़ कर सूर्य की उंगली पर नहीं चित्र-164
___ जाती। कई बार टूटी शुक्र मुद्रिका का एक-भाग भी ऐसा ही लगता है। अतः सावधानी से इसका निर्णय कर लेना चाहिए। इसकी उपस्थिति में जंघा पर तिल होता है, यही इस लक्षण की पुष्टि
सूर्य, शनि व बृहस्पति पर विशेष भाग्य रेखा होने पर व्यक्ति में विशेषता रखते हैं और व्यक्तिगत गुणों। के आधार पर ही उन्नति करते हैं। खोज करने वाले लेखक, राजनीतिज्ञ व राजदूत आदि के हाथों में ऐसी ही रेखाएं देखी जाती हैं। ये रेखाएं उच्च पदस्थ सरकारी कर्मचारी, विशिष्ट पदों पर कार्य करने वाले, लिमिटेड कम्पनियों के प्रशासकों, सेना के अधिकारी व उद्योगपतियों के हाथों में पाई जाती हैं। इसके साथ गोलाकार जीवन रेखा, एक से अधिक भाग्य रेखाएं
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चित्र-165
H.K. S-15
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