Book Title: Vruhad Hast Rekha Shastra
Author(s): Rajesh Anand
Publisher: Gold Books Delhi

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Page 248
________________ भाग्य रेखा जीवन रेखा से निकलती है, स्वास्थ्य खराब होता है। यदि स्वास्थ्य रेखा भी उसी स्थान से निकलती हो तो मृत्यु हो जाती है। दो मोटी भाग्य रेखाएं जीवन रेखा से निकलती हों तो पहले अवसर पर मृत्यु तुल्य कष्ट होता है व दूसरे अवसर पर उसकी मृत्यु हो जाती है। स्वास्थ्य रेखा जीवन रेखा के जिस स्थान से निकलती है, वहां 69 वर्ष की आयु मानी जाती है। ==बुध या व्यापार रेखा - स्वास्थ्य रेखा जब हृदय रेखा को पार कर बुध की उंगली के नीचे तक पहुंचती है, तो इसका नाम बुध या व्यापार रेखा होता है (चित्र-175)। हाथ उत्तम व अन्य श्रेष्ठ लक्षण होने पर ऐसे व्यक्ति व्यापार में सफलता प्राप्त करते हैं। भाग्यवश चाहे इन्हें नौकरी करनी पड़े, परन्तु इनकी रुचि व्यापार में ही रहती है। व्यापार रेखा निर्दोष होने पर व्यक्ति कई राज्यों एवं देशों में व्यापार करता है। उत्तम व्यापार रेखा, सूर्य रेखा, अनेक भाग्य रेखाएं आदि लक्षण विदेश मन्त्रियों, राजदूतों आदि के हाथों में भी देखे जाते हैं। ये भी दूसरे देशों में रहकर अपने देश के व्यापार में उन्नति करते हैं। . श्रेष्ठ बुध रेखा बड़े-बड़े कारखानों के मालिकों के हाथों में भी होती है परन्तु यह अधिक मोटी या । । अधिक पतली न होकर निर्दोष होती है। दोषपूर्ण होने पर यह व्यक्ति को व्यापार, साझेदारी, उद्योग एवं स्वास्थ्य के विषय में चिन्ता का कारण होती है। जिस स्तर का हाथ होता है, उसी के अनुसार यह रेखा फल प्रदान करती है, अतः अन्य लक्षणों के साथ समन्वय करने पर ही इसका फल कहना उचित चित्र-175 - मंगल रेखा जीवन रेखा के समानान्तर अंगूठे की ओर चलने वाली रेखा को मंगल रेखा कहते हैं (चित्र-176)। यह रेखा जीवन रेखा से निकलकर स्वतन्त्र रूप से मंगल से उदय होती है। इस रेखा की मोटाई, निर्दोष होने पर, जीवन रेखा के समान या कुछ थोड़ी कम होती है। 247 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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