Book Title: Vruhad Hast Rekha Shastra
Author(s): Rajesh Anand
Publisher: Gold Books Delhi

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Page 234
________________ लेना चाहिए। हृदय व मस्तिष्क रेखा समानान्तर होने पर अंगूठा कम खुलता हो या सडो तो ऐसे व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात् इनकी सन्तान में आपस में किसी बात को लेकर झगड़ा या मुकद्दमेबाजी होती है। __दोनों हाथों में इस प्रकार के लक्षण होने पर, इनके पिता सिद्धान्तवादी, सीधे व क्रोधी होते हैं। बड़ी आयु में उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। उनके घुटनों में दर्द व हृदय रोग या दमा आदि होता है। माता का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता। उनको भी कुछ न कुछ कमी स्वास्थ्य की दृष्टि से रहती है। दो गहरी रेखाएं, हृदय रेखा से मस्तिष्क रेखा पर मिलें तो समानान्तर हृदय व मस्तिष्क रेखा के प्रभाव को समाप्त कर देती हैं। ऐसे व्यक्ति आर्थिक दृष्टि से भी निर्बल रहते हैं। - - समानान्तर हृदय व मस्तिष्क रेखा हृदय और मस्तिष्क रेखा, किन्हीं हाथों में एक ही देखी जाती हैं। यह दो प्रकार की होती हैं, एक तो हृदय रेखा टूट कर मस्तिष्क रेखा के पास आकर इस प्रकार से मस्तिष्क रेखा पर मिलती है कि एक दिखाई देती हैं और दूसरे मस्तिष्क रेखा व हृदय रेखा प्राकृतिक रूप से होती ही एक हैं। हृदय व मस्तिष्क रेखा एक होने पर कभी-कभी हृदय रेखा भी उपस्थित होती है। परन्तु यह पूर्ण न होकर इसका कुछ भाग ही होता है (देखें, चित्र-163)। ऐसे व्यक्ति हाथ उत्तम होने पर बहुत सफल और दोषपूर्ण होने पर असफल या गलत काम करने वाले देखे जाते हैं। इनके मुंह में 32 दांत होते हैं। किन्तु एक दांत निकलवाना पड़ता है या खराब हो जाता है। ये चुप रहने वाले या बातूनी होते हैं। या तो बहुत मेहनत करते हैं या सुस्त पड़े रहते हैं। हाथ उत्तम होने पर ये नेक व्यवहार करने वाले देखे जाते हैं। ऐसे व्यक्ति किसी बात को बहुत अधिक महसूस करते हैं। ये सतर्क होते हैं, अतः कोई भी जोखिम का कार्य जीवन में नहीं करते। दोनों हाथों में इस प्रकार का लक्षण होने पर व्यक्ति सफल परन्तु एक हाथ में होने पर तिकड़मबाज होते हैं। इनकी चालाकी को लोग पकड़ लेते हैं और अधिक समय तक तिकड़मबाजी ...1 नहीं चलती। चित्र-163 233 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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