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के चरित्र में कोई न कोई दोष या खराब आदत अवश्य पाई जाती है और भी नहीं तो पति देर से घर पहुंचता है और पत्नी के प्रति उदासीन रहता है।
ऐसे व्यक्तियों के कान में दोष, सर्दी, जुकाम, खांसी, जिगर, नाक व पेट की बीमारियां पाई जाती हैं। अतः इस सम्बन्ध में इनको बहुत ही सावधान रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति बैठे-बैठे, पैर या कन्धे हिलाते हैं और बात करते समय विचित्र प्रकार की हरकतें करते हैं। यह सब, शरीर में वायु प्रधान होने के कारण होता है। इन्हें या इनकी पत्नी को जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द होता है।
एक हाथ में जोड़ लम्बा व एक हाथ में छोटा हो तो इनके बच्चों के सिर लम्बे होते हैं। इनके वंश में किसी न किसी को पैरों के रोग पाये जाते हैं। किसी के पैर में दोष जैसे पैर टूटना, लंगड़ा कर चलना, पैर छोटा होना आदि रहता है।
ऐसे व्यक्तियों को ससुराल गरीब मिलती है और रुकावट के पश्चात् विवाह होता है। भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुकी होने पर इनके दो विवाह होते हैं। ससुराल से इन्हें कोई लाभ नहीं होता। आरम्भ में ससुराल से कुछ न कुछ मन-मुटाव भी रहता है, फलस्वरूप कुछ समय तक वहां आना-जाना भी नहीं रहता।
जीवन रेखा टूटी, मस्तिष्क रेखा में दोष और हाथ उत्तम होने पर भी ऐसे व्यक्ति छोटी नौकरियां करते देखे जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों के परिवार वाले अपने-अपने दिमाग के होते हैं, एक-दूसरे को सहयोग नहीं देते और अपने-अपने कार्य में संलग्न रहते हैं। इन्हें किसी से सहायता नहीं मिलती। स्वयं ही अपने पैरों पर खड़े होकर चलना पड़ता है। वैसे ये सहृदय होते हैं, यदि इनकी परिस्थितियां अनुकूल हों तो दूसरों की सहायता भी करते हैं।
ऐसे व्यक्तियों को सम्पत्ति की समस्या भी रहती है। ये जन्म भूमि छोड़ देते हैं। सम्पत्ति बेचना, गिरवी रखना आदि की घटनाएं भी इनके जीवन में होती हैं। मस्तिष्क रेखा में दोष व बुध के नीचे मंगल पर तिल होने पर ऐसे व्यक्तियों की सम्पत्ति सरकार ले लेती है या पड़ोसी जायदाद का कुछ भाग दबा लेते हैं। किसान होने पर जमीन के झगड़े पाये जाते हैं। सम्पत्ति निर्माण करते समय भी ऐसे व्यक्तियों को कोई न कोई रुकावट आती है, जैसे पैसे का प्रबन्ध समय पर न होना, किसी कारण से चलता निर्माण बन्द होना, सामान न मिलना आदि। मुकद्दमा होने पर ऐसे व्यक्ति, जोड़ की आयु तक सफल नहीं होते। जीवन रेखा में चतुष्कोण होने पर मुकद्दमेबाजी अवश्य करनी पड़ती है। कोई सम्पत्ति खरीदते समय इन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है अन्यथा धोखा होने की सम्भावना रहती है।
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