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हृदय रेखा का अन्त शनि पर =
इस दशा में हृदय रेखा मुड़कर ठीक शनि पर्वत पर उंगली के पास समाप्त होती हो तो व्यक्ति चरित्र के शुद्ध नहीं होते। शुक्र उन्नत या जीवन रेखा सीधी या जीवन रेखा शुक्र को काटने पर यह वृत्ति और अधिक बढ़ जाती है। यदि इस दशा में शुक्र से कोई रेखा निकल कर जीवन रेखा को काटती हुई चन्द्रमा के पर्वत या मणिबन्ध की ओर जाती हो तो ऐसे व्यक्ति मां-बहन, बेटी पर भी बुरी भावना रखने वाले होते हैं (चित्र-134)। हाथ लम्बा, बृहस्पति की उंगली लम्बी या बृहस्पति बहुत अच्छा होने पर ऐसे व्यक्ति मान-हानि से डर कर कोई गलत काम नहीं करते, फिर भी इस प्रकार का चिन्तन रहता ही है। अंगूठा मोटा, उंगलियां मोटी होने पर इनमें पाश्विकता होती है। अतः जबरदस्ती करना या पशु की तरह यौनरत
चित्र-134 होना आदि लक्षण होते हैं।
हृदय रेखा शनि पर होने पर, इनमें दोष भी हो और शुक्र उठा हो तो ऐसे व्यक्ति पुरुष होने पर स्त्री और स्त्री होने पर पुरुषों का पीछा करते हैं। लड़कपन में ऐसी बातें बहुत देखी जाती हैं। हृदय रेखा काली या लाल होने पर भी इसी प्रकार की मनोवृत्ति होती है। चरित्र के सम्बन्ध में ऐसे व्यक्तियों का विश्वास नहीं करना चाहिए। व्यवहार के मीठे परन्तु मतलबी होते हैं। अपने सम्बन्धियों, मित्रों व पड़ोसियों को भी चरित्र के विषय में क्षमा नहीं करते। मस्तिष्क रेखा हृदय रेखा के समानान्तर, अंगूठा कम खुलने या मस्तिष्क रेखा मंगल से निकलने पर, ये अपना काम निकालने के बाद हत्या तक कर देते हैं। ऐसे व्यक्तियों के मित्र भी दुष्चरित्र होते हैं। इस दशा में हाथ काला, बुध की उंगली विशेष टेढ़ी हृदय रेखा जंजीराकार होने पर, चोरी, चरित्रहीनता आरोपों में जेल यात्रा करते हैं। ऐसे व्यक्तियों की सन्तान भी ऐसी ही होती हैं।
हृदय रेखा का अत शनि और बृहस्पति की उंगली के बीच में
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इस लक्षण को बहुत बारीकी से देखना चाहिए। इसमें हृदय रेखा, बृहस्पति और
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