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शनि की उंगली के ठीक बीचों-बीच जाती है। ध्यान से देखना चाहिए कि यह रेखा बृहस्पति की उंगली के पास तो नहीं जाती? क्योंकि बृहस्पति की उंगली के पास जाने वाली व इस हृदय रेखा में अन्तर तो सूक्ष्म है, परन्तु फल बिल्कुल विपरीत होते हैं। अतः यहां पहचान के विषय में सावधानी की आवश्यकता है। ऐसे व्यक्ति चरित्रहीन होते हैं। (चित्र-135)।
हृदय रेखा उपरोक्त प्रकार की होने के साथ शुक्र उन्नत होना चरित्र की दृष्टि से किसी भी प्रकार से ठीक नहीं होता। बुध की उंगली टेढ़ी या हाथ में अन्य दोषपूर्ण लक्षण होने पर ऐसे व्यक्ति जेल यात्रा करते हैं। बलात्कार, नकली स्त्री बनकर किसी को ठगने आदि के कारणों से जेल यात्रा होती है। ऐसे व्यक्ति स्त्रियों के कपड़े पहनने में आनन्द अनुभव करते हैं
चित्र-135 तथा स्त्रियां पुरुषों के कपड़े पहनकर प्रसन्न होती हैं।
इस प्रकार की हृदय रेखा होने पर स्त्रियां जिनके साथ विवाह करती हैं, उन्हें तंग करती रहती हैं। पति को अपने दबाव में रखती हैं तथा उसके साथ दुराव करती हैं। इन स्त्रियों में वासनात्मक भावना बहुत अधिक होती है। ये अन्य व्यक्तियों को देखकर आनन्द का अनुभव करती हैं। बिना कारण या छोटी बात के लिए पुरुषों से झगड़ा करना इनके लिए कोई लज्जा की बात नहीं। ऐसी स्त्रियां कुटनी का कार्य करती हैं परन्तु इस दशा में बुध की उंगली टेढ़ी होना आवश्यक है।
== हृदय रेखा का अंत बृहस्पति की उंगली के पास =
इस लक्षण का निर्णय बारीकी से देखकर करना। चाहिए क्योंकि बृहस्पति और शनि के बीच गई हुई व बृहस्पति की उंगली के पास गई हुई रेखाएं देखने में एक जैसी लगती हैं, जबकि इनके फलों में बहुत अन्तर होता है (चित्र-136)। बृहस्पति की उंगली के पास जाने वाली हृदय रेखा सच्चारित्रता, दानवीरता, जिम्मेदारी, सत्यनिष्ठा, चरित्र एवं आदर्श में विश्वास पर दु:ख, कायरता आदि गुणों का द्योतक है। ये निरन्तर उन्नति ही करते हैं व हृदय एवं मस्तिष्क से सरल होते
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चित्र-136
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