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लक्षण भी फल कहने से पहले देख लेने चाहिए। यह झुकाव न होकर गोलाई होती है, जिसकी अधिक गहराई सूर्य के नीचे देखने में आती है।
= हृदय रेखा में त्रिकोण आदि
त्रिकोण जितना ही छोटा व स्वतन्त्र होता है, अधिक फल देने वाला होता है। बड़ी रेखाओं से मिलकर बना हुआ त्रिकोण इतना उत्तम फल नहीं देता। हृदय रेखा
में जितने त्रिकोण होते हैं, व्यक्ति उतने ही मकान, बगीचे, धर्मशालाओं या सम्पत्तियों का निर्माण करता है। हाथ की उत्तमता व भाग्य रेखाओं के फल पर त्रिकोण की उत्तमता का निर्णय किया जाता है। अतः हाथ की सामर्थ्य के अनुसार ही इसका फल बताना चाहिए।
हृदय रेखा में नीचे की ओर त्रिकोण (चित्र-160)। उस आयु में व्यक्ति की किसी मानसिक ठेस, बीमारी या हानि से रक्षा करता है।
हृदय रेखा में चतुष्कोण होने पर, उस आयु में चित्र-160
व्यक्ति के स्वभाव व सम्मान को ठेस लगती है परन्तु
_ विशेष हानि न होकर केवल दुःख ही होता है। शनि के नीचे हृदय रेखा में त्रिकोण (चित्र-161) 54 या 56 वर्ष की आयु में सम्पत्ति-निर्माण का लक्षण है। इस समय बनाई हुई सम्पत्ति सुख सुविधा से सम्पन्न होती है। यह ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे हाथों में जीवन रेखा अधूरी या टूटी नहीं होनी चाहिए अन्यथा फल में कमी या देरी होती है।
हृदय रेखा में सूर्य के नीचे त्रिकोण, मकान बनाने वालों के हाथों में होते हैं। हाथ में रेखाएं कम होने - पर यह त्रिकोण यदि छोटा भी हो तो मकान का आकार बहुत बड़ा होता है। अनेक बार सूर्य के नीचे लगातार कई त्रिकोण देखे जाते हैं। ऐसे व्यक्ति या तो कई सम्पत्ति बनाते हैं या अनेक बार करके एक ही सम्पत्ति का निर्माण करते हैं। जीवन रेखा में शीन के नीचे भाग्य रेखा निकलने या शाखान्वित मस्तिष्क रेखा होने पर ये पास की जमीन को पूर्व निर्मित सम्पत्ति में मिलाकर
चित्र-161
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