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बात को मानें और हां कहे। इस विषय में ऐसे व्यक्ति पहले ही दूसरों को बता देते हैं कि इनका जीवन साथी ऐसा होना चाहिए। साथ ही घोषणा कर देते हैं कि उसकी आदत इसके विपरीत हुई तो उसे ठीक करके ही दम लेंगे। फलस्वरूप विवाह के पश्चात् विचार वैमनस्य रहता है।
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सूर्य पर (अर्थात छोटी हृदय रेखा)
ऐसी हृदय रेखा, सूर्य की उंगली के नीचे पूरी हो जाती है। ऐसे व्यक्तियों को गरमी बहुत अधिक लगती है। इन्हें तेज धूप में बाहर नहीं निकलना चाहिए। हृदय रेखा सूर्य पर पूरी होना धार्मिक प्रवृति का द्योतक है, परन्तु आर्थिक स्थिति जीवन भर डांवाडोल रहती है (चित्र-139)।
इनका हृदय कमजोर रहता है। अच्छी जीवन रेखा व मस्तिष्क रेखा इसके दोषों को कम करती है परन्तु पूर्णतया निराकरण नहीं होता। इनकी पत्नी का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता, उन्हें प्रजनन कष्ट, खून की कमी, आंख में रोग या दिल की बीमारी होती है। इस प्रकार का लक्षण ठीक नहीं होता, ऐसी स्त्रियां बहुत लोभी होती हैं और लोभवश प्राण तक ले लेती हैं, इनसे बचकर रहना चाहिए। हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा की ओर जाती हो या मस्तिष्क रेखा पर मिलती हो, और सूर्य की उंगली
तक हो तो 34 या 35 वर्ष की आयु में जीवन साथी चित्र-139
की मृत्यु हो जाती है। मृत्यु का कारण प्रजनन कष्ट,
सिर में चोट या हृदय गति मन्द होना होता है। जीवन रेखा के आरम्भ में द्वीप हो तो इन्हें गले का ऑपरेशन कराना पड़ता है। लम्बी मस्तिष्क रेखा के साथ हृदय रेखा सूर्य की उंगली तक हो तो घर में प्रेम नहीं मिलता। इसी कमी को पूरा करने के लिए बाहर चक्कर लगाते हैं। ऐसे व्यक्ति घर से उदासीन होकर पड़ोसियों, रिश्तेदारों, जानकारों आदि के घर जाकर अपना दिल बहलाया करते हैं।
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= हृदय रेखा उंगलियों के पास
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हृदय रेखा का उंगलियों के पास होना दोषपूर्ण होता है। उंगलियों के पास होने का तात्पर्य हृदय रेखा का उंगलियों के आधार की गांठों के ठीक ऊपर से होकर जाना है (चित्र-140)।
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H.K.S-13
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