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दूर ही होती है। इनके परिवार में से कोई व्यक्ति घर छोड़ कर चला जाता है, हाथ अच्छा होने पर वापिस आ जाता है। स्वयं की स्त्री या लड़की भी घर छोड़कर जा सकती है। यदि उंगलियां अधिक लचीली या अधिक सख्त हों तो यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है। ऐसे व्यक्ति वृद्धावस्था में धनी हो जाते हैं।
जीवन रेखा अन्त में द्विभाजित होकर यदि उसकी शाखाएं चन्द्रमा पर जाती हों तो व्यक्ति नौकरी से जीवन यापन करते हैं।
चित्र-57
मस्तिष्क रेखा
यह रेखा हथेली के बीचो-बीच, हथेली के दो भाग करती हुई देखी जा सकती है। इसका आरम्भ बृहस्पति, मंगल या दोनों के बीच से और अन्त मंगल, चन्द्रमा या दोनों के बीच होता है। मस्तिष्क रेखा जितनी सीधी होती है, उत्तम मानी जाती है। लम्बी मस्तिष्क रेखा भी उत्तम नहीं मानी जाती है। जो मस्तिष्क रेखा बुध की उंगली के आरम्भ तक समाप्त हो जाती है, बहुत उत्तम होती है। यदि यह निर्दोष भी हो तो सोने पे सुहागे का काम करती है। मस्तिष्क रेखा में या दोनों ओर द्विभाजन इसके गुणों में वृद्धि कर देता है। साथ ही यदि मस्तिष्क रेखा से छोटी-छोटी रेखाएं, जिन्हें हम रोमांच कहते हैं, निकलकर हृदय रेखा की ओर जायें तो ये मस्तिष्क रेखा की शक्ति को अनन्त गुना बढ़ा देती है। इस प्रकार की मस्तिष्क रेखा विज्ञानवेत्ताओं, भविष्यवक्ताओं, आविष्कारकों तथा मनस्वी व्यक्तियों के हाथों में पाई जाती हैं। ये व्यक्ति अपने मस्तिष्क के द्वारा परिवार, समाज या देश में आश्चर्य जनक परिवर्तन करने वाले होते हैं।
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