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मारते नहीं है, भले ही स्थिति ठीक न होने से देर हो, परन्तु जब भी अवसर मिलता है, अपना उधार चुकाते हैं।
मस्तिष्क रेखा का अन्त (सूर्य पर) =
एक से अधिक मस्तिष्क रेखाएं होने पर कभी-कभी ऐसा देखा जाता है कि मस्तिष्क रेखा सूर्य पर चली जाती है (चित्र-74)। ऐसे व्यक्ति सद्गुणों से युक्त, उत्तम विचार वाले, बुद्धिजीवी और सम्मान अर्जित करने वाले होते हैं। ये किसी भी कार्य को जल्दबाजी से नहीं करते। स्वभाव के गरम तथा नेत्रों के कमजोर होते हैं। ऐसे व्यक्ति ठेकेदारी या एजेन्सी का कार्य करते हैं। रेखाओं में दोष हो तो घमण्डी होते हैं।
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चित्र-74
==मस्तिष्क रेखा का अन्त (बुध पर या उसकी ओर)===
कभी-कभी मस्तिष्क रेखा स्वयं या उसकी कोई शाखा बुध पर जाती है या मस्तिष्क रेखा का झुकाव बुध की ओर होता है, इससे व्यक्ति में बुद्धिमत्ता का विकास होता है (चित्र 75)। ऐसे व्यक्ति सद्गुणों से परिपूर्ण, विचारक, बात को अधिक बारीकी से जानने वाले एवं सफल होते हैं। अंगूठा छोटा या कठोर होने की दशा में क्रोधी होते हैं। ___ मस्तिष्क रेखा की एक शाखा बुध की ओर या मस्तिष्क रेखा एक हाथ में बुध की ओर तथा दूसरे हाथ में चन्द्रमा पर हो तो सन्यास लेने की
--- चित्र-75
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