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टूटी मस्तिष्क रेखा
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टूटी मस्तिष्क रेखा एक दोष है, अत: दोषपूर्ण मस्तिष्क रेखा के विषय में बताये गये लगभग सभी फल यहां भी लागू हो सकते हैं। यदि मस्तिष्क रेखा शनि के नीचे टूटे तो विशेष रूप से हानिकारक होती है। हमें यह ध्यान से देखना होगा कि मस्तिष्क रेखा किस प्रकार से टूटी हुई है (चित्र-86)। यदि मस्तिष्क रेखा के । दोनों भाग एक-दूसरे को ढक लेते हैं, टूटी मस्तिष्क रेखा को कोई दूसरी रेखा ढकती है, या टी मस्तिष्क रेखा किसी चतुष्कोण या त्रिकोण से ढकी जाती है तो यह परेशानी तो करती है लेकिन विशेष हानि नहीं करती। हाथ भारी होने पर दोषपूर्ण फलों में कमी होती है। यहां टूटी मस्तिष्क रेखा का तात्पर्य किसी लक्षण के द्वारा बिना जुड़ी रेखा से है।
इस आयु में व्यक्ति को भारी मानसिक परेशानी, बीमारी, कर्ज तथा अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि मस्तिष्क रेखा बिल्कुल ही टूट जाती है और उसके दोनों सिरों को कोई रेखा या अन्य ऊपर बताए हुए लक्षण ढकते नहीं हों व दोनों हाथों में ये लक्षण हों तो ऐसे व्यक्तियों को इस अवस्था में नये जीवन का आरम्भ करना पड़ता है। परिवार में या किसी सम्बन्धी के साथ भयंकर दुर्घटना होती है। पति या पत्नी की मृत्यु की सम्भावना रहती है। टूटी हुई मस्तिष्क रेखा की आयु में यह विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है कि पत्नी को प्रजनन नहीं होना चाहिए अन्यथा बहुत सम्भावना होती है कि प्रजनन समय में पत्नी की मृत्यु हो जाए। जिसका कारण प्रजनन समय में अति रक्तस्राव होता है। मस्तिष्क रेखा शनि के नीचे ट्टी हो तो ऐसे दोष विशेष रूप से देखने में आते हैं।
चित्र-86
= टेड़ी मस्तिष्क रेखा
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मस्तिष्क रेखा में ऊपर या नीचे झुकाव होना बहुत बड़ा दोष माना जाता है। दोषपूर्ण मस्तिष्क रेखा के सभी फल इस लक्षण के साथ लागू किये जा सकते हैं। जिन हाथों में कम रेखाएं होती हैं, उनमें यह लक्षण बहुत प्रभावकारी सिद्ध होता है। नगण्य-सा झुकाव भी इस आयु में आशातीत प्रभाव करता है। झुकाव का स्थान किसी
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