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मिलती है। हाथ काला होने पर ये नीच व चरित्रहीन स्त्रियों से शारीरिक सम्बन्ध रखने वाले होते हैं। हृदय रेखा, बृहस्पति की ओर जाती हो, भाग्य रेखा में द्वीप व हाथ थोड़ा भी लाल या काला हो तो निम्न स्तर के व्यक्ति से प्रेम सम्बन्ध बताना चाहिए। भाग्य रेखा में चन्द्रमा के पास द्वीप होने पर व्यक्ति उच्च स्तर की स्त्रियों से प्रेम करता है और भाग्य रेखाएं एक से अधिक होने पर प्रेमी या प्रेमिका का स्तर ऊंचा होता
उपरोक्त लक्षणों से साझे का व्यापार हो तो परेशानी आती है क्योंकि इनवा साझीदारी स्वभाव की दृष्टि से अच्छा नहीं होता। अन्त में झगड़ा होकर साझा टूटना है और हानि हाथ लगती है। चन्द्रमा पर भाग्य रेखा में द्वीप होने पर यदि इसमें कोई अन्य दोष जैसे मोटी मस्तिष्क रेखा या भाग्य रेखा हृदय रेखा में रुकी हो तो ऐसे व्यक्तियों को अपने प्रेमियों से सहयोग नहीं मिलता। वे अपना काम निकालने के पश्चात् कोई सम्बन्ध नहीं रखते। ऐसा प्रेम केवल स्वार्थपूर्ति के लिए होता है।
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भाग्य रेखा के मध्य या अन्त में द्वीप
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भाग्य रेखा के मध्य में द्वीप होने पर जीवन साथी के चरित्र में दोष होता है व इनको इस विषय में पता भी होता है। मस्तिष्क रेखा में शनि के नीचे दोष हो तो ये अपने साथी को उसके प्रेमी के साथ देख लेते हैं। ऐसी बात इन व्यक्तियों को बहुत खटकती है, परन्तु जानते हुए भी इसका विरोध नहीं कर सकते, अतः परेशान रहने के सिवाय कोई चारा नहीं रहता।
भाग्य रेखा के बिल्कुल पास चलकर कोई रेखा कई बार लम्बा द्वीप बनाती है। लम्बा होने के बावजूद यह द्वीप का ही फल देता है (चित्र-125)। इस आयु
में कार्य, स्वास्थ्य व धन हानि की समस्याएं जीवन में आती हैं। इनके पेट में अम्ल रहता है। कई बार पित्ताशय की पथरी भी इस द्वीप से होती है। शनि की उंगली के नीचे व हृदय रेखा के ऊपर भाग्य रेखा के अन्त में बड़ा द्वीप हो व मस्तिष्क रेखा, शनि के नीचे दोषपूर्ण हो तो घर में जवान मृत्यु का संकेत है। यह मृत्यु किसी सन्तान की भी हो सकती है। जीवन रेखा से कोई छोटी रेखा शुक्र की ओर जाने या हृदय रेखा की शाखा, मस्तिष्क रेखा पर मिलने पर उपरोक्त फल निश्चित
रूप से होता है। भाग्य रेखा का अन्त. जब इस प्रकार चित्र-125
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