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त्रिकोण आदि से ढका हुआ हो तो बुरे फल में कमी होती है, फल तो होता है, परन्तु उसके कारण बरबादी या मृत्यु जैसी घटनाएं नहीं होती।
ऐसे व्यक्तियों का आचरण अच्छा होता है। जब तक ये अपने मूड में होते हैं, ठीक पेश आते हैं, अन्यथा कुत्ते की तरह काटते हैं, और बाद में रंज करते हैं। एक से अधिक बार पूछने पर ही ये किसी बात का उत्तर देते हैं। घर में ऐसे व्यक्ति व्यवहार के अच्छे सिद्ध नहीं होते, जबकि घर के बाहर इनका व्यवहार उत्तम होता है। ऐसे स्वभाव के व्यक्ति वकील, दुकानदार, स्पीकर या जज बहुत ही खराब माने जाते हैं। इन्हें घरेलू जीवन में शान्ति नहीं मिलती। थोड़ा सा भी काम न होने पर उदास होना या किसी पर बरस पड़ना या घर छोड़ देना इनका स्वभाव होता है।
रेखाएं कम होने पर यदि मस्तिष्क रेखा शनि के नीचे टेढ़ी हो तो इस आयु में दुर्घटना से, ऐसे व्यक्ति को बहुत सावधान रहना चाहिए। प्रायः दुर्घटना हो जाती है। इस समय में कई प्रकार की परेशानियां आकर मानसिक अशान्ति का कारण बनती हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि यदि यह दोष शनि के नीचे हो तो विशेषतया 3435 वां वर्ष इनके लिए, आग में तप कर निकलने जैसा होता है। इस आयु में आर्थिक दबाव के कारण व्यक्ति ऋणी हो जाता है।
= मस्तिष्क रेखा में द्वीप ==
मस्तिष्क रेखा में द्वीप भी मस्तिष्क रेखा का एक दोष है। अत: दोषपूर्ण मस्तिष्क रेखा के साथ इसे भी जोड़ा जा सकता है। मस्तिष्क रेखा में द्वीप होने पर (विशेषतया शनि के नीचे) हृदय रेखा दोषपूर्ण होने पर, शुक्र, चन्द्रमा या दोनों उन्नत होने पर ऐसे व्यक्ति सनकी होते हैं। व्यर्थ की बातें सोचा करते हैं जैसे, वह मर जायेंगे, यह
काम ऐसे होगा, अमुक व्यक्ति मुझ पर फिदा है, वह मुझे मारना चाहता है, मेरे घर में भूत-प्रेत है आदि। वास्तव में ये सब बातें गलत होती हैं। परेशानी बढ़ने पर, घबराहट होने या वातावरण उलझनपूर्ण लगने पर मस्तिष्क में गरमी बढ़ने से ऐसा होता है। (चित्र-87)। ___ मस्तिष्क रेखा में द्वीप होने पर सिर में भारीपन या दर्द रहता है, जिसका कारण पेट में खराबी होता है। ये अधिक देर तक नहीं पढ़ सकते, थोड़ी देर बैठने पर ऊब जाते हैं तथा बाहर
चित्र-87
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