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घूमने के पश्चात् या किसी दूसरे कार्य में मन लगाने के पश्चात्, फिर दोबारा रुककर पढ़ाई करते हैं।
मस्तिष्क रेखा में शनि के नीचे द्वीप होने पर यदि भाग्य रेखा में बड़ा द्वीप हो और शुक्र तथा चन्द्रमा उन्नत हों तथा भाग्य रेखा चन्द्रमा से निकलकर, हृदय रेखा पर रुकती हो, जीवन रेखा टूटी हो या उपरोक्त कोई दो या अधिक लक्षण हों तो व्यक्ति अप्राकृतिक रूप से वीर्यपात करते हैं। ये पढ़ाई में पहले ठीक होते हैं
और बाद में रुचि न लेने के कारण अच्छे नहीं रहते। ऐसा महसूस करते हैं कि इसी गलती के कारण इनकी पढ़ाई में रुकावट होती है या मस्तिष्क में कमजोरी आई हुई है। ऐसे व्यक्तियों को जब भी बुखार होता है, तेज
चित्र-88 होता है। इन्हें नशा नहीं करना चाहिए, नशा भी तेज होता है और इनके जीवन में ऐसी घटनाएं भी होती है जब कोई भूल से इन्हें नशीली चीज खिला देता है।
= मस्तिष्क रेखा के अन्त में द्वीप
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मस्तिष्क रेखा के अन्त में अर्थात् बुध के नीचे द्वीप हो तो यह व्यक्ति के जिगर में खराबी करता है। इस प्रकार का कष्ट 52-53 वर्ष की आयु के पश्चात् ही बढ़ता है। मस्तिष्क रेखा में द्वीप न होकर कोई त्रिकोण का आकार बनता हो तो यह चलते समय सांस फूलना या फेफड़ों में खराबी होने के लक्षण है। यह द्वीप केवल स्वास्थ्य के लिए ही फल बताता है (चित्र-89)। ___ मस्तिष्क रेखा के अन्त में यदि बड़ा द्वीप हो तो व्यक्ति के किसी न किसी से अनैतिक सम्बन्ध रहते । हैं। ऐसे सम्बन्ध कभी जीवन के आरम्भ में 30-32 वर्ष की आयु में भी देखे जाते हैं लेकिन अन्त में तो निश्चित ही होते हैं। यह लक्षण रखैल रखने का है।
ऐसे व्यक्तियों की आंखों में भी किसी न किसी प्रकार का रोग रहता है। यहां यह बात विशेष रूप से देखने की है कि ये द्वीप ऐसी रेखाओं से मिलकर बनते हैं जिनकी मोटाई मौलिक मस्तिष्क रेखा से कुछ ही कम होती है। इस दशा में मस्तिष्क रेखा की कोई शाखा
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चित्र-89
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