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== जीवन रेखा से निकलने वाली भाग्य रेखा ==
जावन रेखा से भाग्य रेखा का निकलना तो स्पष्ट है, परन्तु कुछ हाथों में भाग्य रेखा किसी और स्थान से निकलती है और इसका सम्बन्ध किसी अन्य रेखा के द्वारा जीवन रेखा से होता है। इस प्रकार की भाग्य रेखा सम्मिलित फल प्रदान करती है (चित्र-100)।
जीवन रेखा से भाग्य रेखा निकलने पर व्यक्ति पूर्णतया स्वनिर्मित होते हैं। ये न्याय से धन कमाते हैं। भाग्य रेखा पतली होने पर निश्चय ही यह गुण होता.. है। इन्हें अपना जीवन निर्माण करने की सतत आकांक्षा रहती हैं और इस दिशा में सतत प्रयत्न करते हैं। ऐसे व्यक्ति पहले नौकरी करते देखे जाते हैं तथा बाद में अवसर मिलने पर व्यापार में आ जाते हैं। ये आत्म विश्वासी तथा परिवार से प्रभावित होते हैं, फलस्वरूप ऐसे कार्य नहीं करते जिससे इनकी या इनके परिवार ---17 की प्रतिष्ठा को आंच आती हो, परन्तु भाग्य रेखा निर्दोष
चित्र-100 होनी आवश्यक है। साथ ही यह देख लेना चाहिए कि बृहस्पति की उंगली, सूर्य की उंगली से अधिक छोटी तो नहीं है। भाग्य रेखा दोषपूर्ण होने पर, यदि बृहस्पति की उंगली भी छोटी हो तो सम्मान से गिरकर भी कार्य कर डालते हैं तथा लांछन एवं चरित्र की परवाह नहीं करते। ऐसे व्यक्ति परोपकारी होते हैं, यदि उंगलियां अधिक छोटी व पतली नहीं हों तो कोई न कोई परोपकार का कार्य अवश्य करते देखे जाते हैं। भाग्य रेखा निर्दोष होने पर ये किसी संस्था के अवैतनिक सदस्य या पदाधिकारी भी होते हैं जिन्हें सामाजिक कार्यों में रुचि होती है।
ऐसे व्यक्ति दूसरों को देखकर, अपना काम बन्द करके उस प्रकार का कार्य नहीं करते क्योंकि चलते हुए काम को छोड़कर दूसरा कार्य आरम्भ करना ठीक नहीं समझते। किसी भी प्रकार का जोखिम उठाना इनकी आदत नहीं होती, परन्तु स्वतन्त्र जीवन के लिए निरन्तर प्रयत्न करते रहते हैं। किसी से दबकर काम करना या किसी के सामने हाथ फैलाना इनके बस की बात नहीं।
जीवन रेखा से भाग्य रेखा निकलने पर, व्यक्ति का अधिकांश चरित्र उसके अपने मस्तिष्क से नियन्त्रित रहता है। यद्यपि ये परिवार से प्रेम करते हैं, लम्बे समय तक परिवार की सेवा एवं उसके लिए त्याग भी करते हैं व सम्मिलित परिवार चलाते हैं,
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