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हाथ में होने पर पहला गर्भपात हो जाता है या सन्तान की मृत्यु होती है, लड़की होने पर मृत्यु नहीं होती, लेकिन उसका भी स्वास्थ्य बचपन में अच्छा नहीं रहता। उसे सर्दी, पेट तथा दस्त आदि की शिकायत रहती है। यदि कोई विशेष दोष मस्तिष्क रेखा में हो तो सन्तान पैदा होने में रुकावट होती है।
इस लक्षण में यदि कोई शाखा सीधी बृहस्पति पर जाती हो व एक जीवन रेखा की गोलाई का निर्माण करती हो तो यह प्रथम सन्तान को तो हानि करती है, परन्तु ऐसे व्यक्ति जीवन में शीघ्र अधिक
चित्र-54 उन्नति करते देखे जाते हैं। उनकी लगभग सभी
इच्छाएं पूर्ण होती हैं। अन्त में इनको बिना जीवन साथी के रहना पड़ता है।
जीवन रेखा बीच में द्विभाजित
इस प्रकार की जीवन रेखा उन्नति कारक तो होती है किन्तु पहाड़ या हवाई जहाज से गिरकर बचने की भी निशानी है। यह बड़ी उम्र . में कान के पर्दे की खराबी का सूचक हैं। बाकी के फल दोहरी जीवन रेखा जैसे होते हैं। (चित्र-55)
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चित्र-55
जीवन रेखा की शाखा चन्द्रमा पर
जीवन रेखा के अन्त में उससे निकल कर कोई रेखा यदि चन्द्रमा पर या चन्द्रमा की ओर जाती हो तो यह रेखा व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन का द्योतक होती है (चित्र-56)।
ऐसे व्यक्ति जन्मभूमि से दूर अपना मकान या सम्पत्ति आदि बनाते हैं तथा मृत्यु भी जन्म स्थान से
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चित्र-56
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