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यदि हृदय रेखा में थोड़ा भी दोष हो तो बीमारी में हाय-हाय मचा देते हैं।
मस्तिष्क रेखा के आरम्भ में दोष या जीवन रेखा के साथ उसका जोड़ लम्बा हो तो ऐसे व्यक्तियों की निर्णय शक्ति दोष के समय तक उत्तम नहीं होती। दोष समाप्त होने के पश्चात् यह भी दूर हो जाती है। ये काम में कभी शीघ्रता तो कभी शिथिलता करते हैं। एक बात विशेष रूप से ध्यान देने की है कि जोड़ लम्बा होने पर स्वतन्त्र रूप से कोई भी कार्य करने में हिचकिचाते हैं। क्रोध करने के पश्चात् पछताते अवश्य हैं। मस्तिष्क रेखा में दोष जैसे अधिक टूटी रेखा, द्वीप या झुकाव हो तो व्यक्ति क्रोध में कांपने लगता है और मानसिक सन्तुलन खो देता है। दोनों हाथों में ऐसा दोष न होने पर प्रभाव एक तिहाई ही रहता है। ऐसे व्यक्ति का एक हाथ हो तो पूरा फल देता है।
मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण होने पर, यदि उसे छोटी-छोटी रेखाएं काटती हों तो सिर में भारीपन तथा स्मृति कमजोर होती है। ऐसे व्यक्तियों को मानसिक अशान्ति रहती है। जिस आयु में मस्तिष्क रेखा में यह दोष होता है, स्मृति की कमी महसूस होती है, तत्पश्चात् यह स्वतः ही ठीक हो जाती हैं और इनका आत्मविश्वास भी ठीक हो जाता है। वास्तव में आत्मविश्वास न होना ही इसका कारण है।
मस्तिष्क रेखा में दोष होना उत्तम लक्षण भी है। ऐसे व्यक्ति सहृदय, ईश्वर का भजन करने वाले, विश्वासी एवं मानवसुलभ गुणों वाले होते हैं, परन्तु अधिक दोष होने पर ये चंचल एवं विश्वास रहित हो जाते हैं और ईश्वर भजन में अधिक समय तक आस्था नहीं रख पाते तथा कुछ समय के पश्चात् फिर चिन्ता आरम्भ करते देखे जाते हैं। बार-बार ऐसा होने के बाद इनकी आस्था दृढ़ होने लगती है, फलस्वरूप अधिक समय तक ईश्वर चिन्तन करने लग जाते हैं तो भी इनका चिन्तन-भजन निरन्तर नहीं चलता। क्षण-क्षण में ये अपने विचार बदलते हैं, अत: विशेषतया दोष के समय किसी भी कार्य में सफल नहीं हो पाते।
मस्तिष्क रेखा टूटने पर नीचे या ऊपर से दूसरी मस्तिष्क रेखा टूटे हुए भाग को ढक कर चलती हो तो दोष तो करती है, लेकिन विशेष अनिष्ट कारक नहीं होती। इस समय मानसिक सन्ताप, रोग, सम्बन्धी या अन्य मित्र की रुष्टता या अलगाव से मस्तिष्क में आघात-प्रत्याघात होते रहते हैं। विशेषतया ऐसे सन्ताप निरर्थक ही होते हैं। व्यक्तिगत रूप से कोई हानि नहीं होती। दोनों हाथों में यह लक्षण होने पर मिर्गी, प्रेत-व्याधि आदि की सम्भावना रहती है।
मस्तिष्क रेखा टूटने की दशा में; हृदय रेखा की कोई शाखा टूटे स्थान पर मिलती हो या कोई भाग्य रेखा गहरी होकर वहां रुकती हो तो किसी प्रेमी का विछोह या जीवन साथी की मृत्यु होती है।
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