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समय तक किसी बात को नहीं भूल सकते और अवसर आने पर बदला लिए बगैर नहीं छोड़ते। ऐसे व्यक्ति अपने शत्रु को जान से नहीं मारते, जीवित रखकर मुकाबला करते हैं या अहसान से मारते हैं। उत्तरदायित्व अधिक अनुभव करने के कारण ऐसे व्यक्ति उस समय तक विवाह नहीं करते जब तक ये अपने पैरों पर खड़े न हो जाएं। अतः अपनी शादी तक रोक देते हैं तथा आदर्श पसन्द या अन्य किसी करण से इनकी शादी में कई बार विध्न पड़ता है।
= मस्तिष्क रेखा का निकास (मंगल से) ==
___मंगल ग्रह का सम्बन्ध वीरता, शौर्य, धैर्य व नृशंसता आदि से है। अत: मस्तिष्क रेखा मंगल से निकलती हो तो निश्चय ही उपरोक्त गुणों में वृद्धि करती है। गुणों की अतिशयता होने पर व्यक्ति में घमण्ड, लड़ाई-झगड़ा करने की आदत, अपने आपको बहुत अधिक समझना आदि दोष पैदा हो जाते हैं। ये शरीर प्रधान होते हैं, बुद्धि प्रधान नहीं। मंगल से मस्तिष्क रेखा निकलने पर व्यक्ति में येन-केन-प्रकरण बदला लेने की भावना पाई जाती है। क्रोध में ऐसे व्यक्ति, नैतिक व मानसिक नियन्त्रण खो बैठते हैं, अतः देखा गया है कि इनके हाथ से अनहोनी हो जाती है (चित्र-68) मस्तिष्क रेखा मंगल से निकलने पर पूरा मस्तिष्क ही, मंगल से प्रभावित होता है, जो व्यक्ति में कई प्रकार के दुर्गुणों का कारण होता है।
ये व्यक्ति निडर एवं वीर होते हैं तथा इनकी आदतें दूसरों को चुनौती देने वाली होती हैं, फलस्वरूप झगड़ा जीवन भर चलता रहता है। इन्हें अपनी आदत पर नियन्त्रण रखना चाहिए। यदि यह आदत न हो तो सुखी रहते हैं। हृदय रेखा में द्वीप, उंगलियों के पास अंगूठा छोटा, मोटा या गांठदार होने पर, उंगलियां तिरछी या मोटी, हाथ का रंग लाल आदि लक्षण राज्य विप्लवकारियों या हत्यारों में पाये जाते हैं। मस्तिष्क रेखा स्वयं मंगल से निकल कर, यदि इसकी कोई शाखा मंगल पर जाती हो तो भी व्यक्ति ऐसा ही होता है। यहां यह विशेष रूप से देखने की बात है कि हाथ के लक्षणों के अनुसार व्यक्ति में जितना अधिक बौद्धिक विकास होता है। उतना ही उपरोक्त दुर्गुणों में कमी आ जाती है। हत्या प्रायः ऐसे व्यक्ति करते हैं, जिनमें कार्य के परिणाम सोचने की शक्ति लुप्त हो जाती है या बदले की भावना होती है। ऐसे व्यक्तियों की हृदय व मस्तिष्क रेखाएं समानान्तर होती हैं। इससे व्यक्ति में लगन व बदले की भावना बढ़ती है। सैनिकों के हाथों में ऐसे ही लक्षण होते हैं। अंगूठा लम्बा व पतला होने पर ऐसे व्यक्ति सैनिक क्रान्ति करने में सफल होते हैं, अन्यथा मृत्यु का सामना करते हैं। अग्नि से जल कर मरने वालों के हाथों में भी ऐसे ही चिन्ह होते हैं। गोली का
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