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बुध की उंगली विशेष टेढ़ी होने पर व्यक्ति बोलने वाला होता है। साहित्यकारों में बुध की उंगली तिरछी, हृदय रेखा दोषपूर्ण, शुक्र व चन्द्रमा उठे हों तो ये श्रृंगार-साहित्य का निर्माण करते हैं। इस दशा में हाथ में विशेष भाग्य रेखा होना अनिवार्य है। हाथ आदर्शवादी होने पर आदर्श सहित्य का निर्माण होता है।
शनि व सूर्य की उंगली (बराबर)
शनि व सूर्य की उंगलियां बराबर या लगभग बराबर होने पर व्यक्ति में विशेष गणों में वृद्धि करती हैं। इनको आगे होने वाली घटनाओं का पता लग जाता है अर्थात् इनमें अन्तर्ज्ञान विद्यमान होता है। फलस्वरूप जुआ, सट्टा या व्यापार का सट्टा आदि कार्य करने में रूचि रखते हैं। मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण होने पर ये इस कार्य से लाभ नहीं उठा पाते अन्यथा ऐसे कार्य से इनको अचानक व अत्यधिक धन लाभ होता है। शनि व सूर्य की उंगलियां बिल्कुल सीधी होने पर व्यक्ति बहुत धनी, विख्यात् व सम्मान प्राप्त करने वाला होता है। दोनों उंगलियां सीधी होने पर हाथ की उत्तमता सूर्य की भांति प्रकाशमय होती है। दोनों उंगलियों के आधार समान होने पर ऐसे व्यक्ति सफल व्यापारी व धनी होते हैं। आधार में समानता से तात्पर्य दोनों उंगलियों का आरम्भ लगभग एक सी उंचाई से होना होता है। ये उद्योग, एजेन्सी व ठेकेदारी के कार्य में विशेष सफलता प्राप्त करते हैं। निश्चित ही है कि ये लगातार सफलता प्राप्त करते हैं और धनी बने रहते हैं।
शनि व सूर्य की उंगलियां नाखून की ओर से बराबर होने पर दो सूर्य रेखाएं हों, मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा व भाग्य रेखा में त्रिकोण हो तो इनको जुए, सट्टे, लाटरी आदि से अचानक व अत्यधिक धन लाभ होता है। मस्तिष्क रेखा व हृदय रेखा एक होने की दशा में भी अचानक धन प्राप्ति होती है, परन्तु बड़ा सट्टा लगाने पर शनि व सूर्य की उंगलियां बराबर होने पर यदि अंगूठे के नीचे शुक्र रेखा हो और त्रिकोण से निकली हो तो पैतृक परम्परा या गोद से लाभ होता है। दोनों उंगलियां बराबर होने की दशा में यदि विवाह रेखा निर्दोष होकर विशेष लम्बाई लिए हो और बृहस्पति तक या बृहस्पति की ओर जाती हो तो ससुराल या किसी प्रेमी से धन का लाभ होता है। मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण होने पर इनके अन्तर्ज्ञान से दूसरे लाभ उठाते हैं, स्वयं को इसका लाभ नहीं मिलता।
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नाखून
नाखून व्यक्ति की अनेक मनोवृत्तियों और रोगों के विषय में महत्वपर्ण सूचन
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