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दायें हाथ में हथेली का मध्य
-जन्म का मास शुक्र के पर्वत पर
-दूसरा मास बृहस्पति के पर्वत पर
-तीसरा मास शनि के पर्वत पर
-चौथा मास सूर्य के पर्वत पर
-पांचवा मास बुध के पर्वत पर
-छठा मास बायें हाथ में बुध के पर्वत पर
-सातवां मास सूर्य के पर्वत पर
-आठवां मास शनि के पर्वत पर
-नौवां मास बृहस्पति के पर्वत पर
-दसवां मास शुक्र के पर्वत पर
-ग्यारहवां मास हथेली के मध्य में
-बारहवां मास जिस पर्वत पर अधिक रेखाएं, क्रास या जाली आदि दोषपूर्ण चिन्ह होते हैं, उनसे सम्बन्धित मास कष्टकारक रहता है।
उंगलियों पर वर्ष गणना, आयु गणना . दायें हाथ की बुध की उंगली के हथेली के पास वाले पोर से एक वर्ष की गणना करते हुए अंगूठे के अन्तिम पोर तक 15 वर्ष गिनने चाहिए, और बायें हाथ में बुध की उंगली के हथेली के पास वाले पोर से 16 वर्ष से लेकर अंगूठे के पोर तक 30 वर्षों की गणना हो जाती है। उपरोक्त प्रकार से पुनर्गणना करके 60 वर्ष तथा आगे गणना की जा सकती है।
जिन पोरों पर आड़ी, मोटी रेखाएं होती हैं, वे वर्ष जीवन में विशेष अनिष्ट घटना के सूचक होते हैं। जैसे- किसी की मृत्यु व दुर्घटना आदि। जीवन में 29, 30, 34, 35, 37, 39, 40, 44, 45, 49 व 50 वर्ष नेष्ट फलकारक होते हैं। इन वर्षों में इन आड़ी रेखाओं का प्रभाव अधिक व दुसरे वर्षों में कम होता है।
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