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जीवन रेखा बृहस्पति के नीचे टूटी हुई
ऐसी जीवन रेखा में दोष होने पर बच्चे के गले में रोग, स्वंय में भी अपेन्डिसाइटिस या आंतो के रोग पाये जाते हैं। कोई बच्चा तुतला कर बोलता है । सन्तान को चोट लग कर हड्डी आदि भी टूटती है। ऐसे व्यक्तियों के बच्चे रोते बहुत हैं तथा उनके कान में बीमारी होती हैं। स्त्री होने की दशा में इन्हें गर्भपात अधिक होते हैं। जिस हाथ में जीवन रेखा टूटी हो, उससे दूसरे कन्धे में चोट आती है।
जीवन रेखा शनि के नीचे टूटी हुई
इस प्रकार की जीवन रेखा रीढ़ की हड्डी में रोग या फेफड़े के रोग का संकेत करती है। (चित्र - 47)। हाथ यदि कठोर हो तो रीढ़ की हड्डी में टी. बी. या उसकी एक हड्डी अपने स्थान से खिसक जाती है। जीवन रेखा पतली होकर टूटी हो और दोनों टूटे हुऐ भाग एक बहुत पतली रेखा से जुड़ते हो तो ऐसे व्यक्ति गोली से बचते हैं। यदि ये सेना में नौकरी करते हैं तो निश्चय ही यह फल कहा जा सकता है। इनके वंश में भी कोई आकस्मिक मृत्यु या कत्ल होता
है।
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चित्र - 47
जीवन रेखा सूर्य के नीचे या अन्त में टूटी हुई
इस अवस्था में आंखे कमजोर व उसमें मोतिया बिंद उतर आता है। बुढ़ापे में कमर झुक जाती है। यदि भाग्य रेखा में दोष हो तो एक भाई धोखा देता है। ऐसे व्यक्ति के परिवार में अशान्ति ही रहती है तथा परिवार में इनका पत्नी से सदैव झगड़ा होता रहता है, जिससे इनके मन में अशान्ति रहती है ।
जीवन रेखा में द्वीप
जीवन रेखा जब बीच में से फट कर जौ (यव) के दाने जैसा चिन्ह बनाती
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H. K. S-8
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