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= देर से आरम्भ होने वाली जीवन रेखा
ऐसी जीवन रेखा मस्तिष्क रेखा से बृहस्पति के नीचे से आरम्भ न होकर आगे से आरम्भ होती है (चित्र-42)।
देर से आरम्भ होने वाली जीवन रेखा वाले व्यक्ति स्पष्ट वक्ता, घूम-फिरकर काम करने वाले, देर से । स्थायित्व प्राप्त करने वाले तथा बचपन में दु:खी होते हैं। इन्हें मां-बाप का सुख नहीं मिलता।
हाथ कठोर व खुरदरा होने पर दोष भी अधिक बढ़ जाते हैं तथा कोमल, सुन्दर व मखमली हाथ होने पर दोषों में कमी आती है। यह जीवन रेखा भी दोषपूर्ण जीवन रेखा कहलाती है। दोषपूर्ण जीवन रेखा के सभी सिद्धान्त इस स्थान पर भी उस समय जब तक कि यह आरम्भ नहीं होती, लागू किये जा सकते हैं। इस
चित्र-42 लक्षण के साथ मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण हो तो गले में थायराइड ग्रन्थी में दोष का लक्षण है।
जीवन रेखा में कुठार रेखा
कुठार रेखा जीवन रेखा के पास बिल्कुल सटी हुई पतली रेखा का नाम है। यह रेखा छोटी या पूरी जीवन रेखा के साथ बाहर या भीतर किसी भी ओर हो सकती है। कई स्थानों पर एक ही साथ बाहर और भीतर दोनों ओर कुठार रेखा देखी जा सकती है। यह एक बड़ा दोष माना जाता है (चित्र-43)
जब तक कुठार रेखा जीवन के साथ चलती है, उस समय में व्यक्ति को शान्ति, स्थायित्व, धन में अधि कता आदि बिल्कुल नहीं मिल पाते। नियमानुसार यदि व्यक्ति धार्मिक ग्रंथों का पठन-पाठन करें तो चिंता से मुक्ति व शान्ति प्राप्त की जा सकती है।
ऐसे व्यक्तियों के पेट मे अम्ल का प्रभाव पाया चित्र-43 जाता है, फलस्वरूप, खट्टापन या जलन आदि पेट में महसूस होती रहती है। अधिक
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