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त्रिकोणाकार नाखून
कभी-कभी नाखून की बनावट त्रिकोणाकार देखी जाती है। ऐसे नाखून आगे से चौड़े तथा पीछे की ओर बहुत नुकीले हो जाते हैं। इस प्रकार नाखून की आकृति त्रिकोणाकार जैसी बन जाती है। ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान, हसमुख व जल्दबाज होते हैं। त्रिकोणाकार नाखून होना व्यक्ति की मानसिक दक्षता का लक्षण है। इनको गले व नाक के रोग देखे जाते हैं।
बृहस्पति या प्रथम उंगली का नाखून
हाथ में प्रथम उंगली या बहस्पति का नाखन व्यक्ति की मानसिक प्रवृत्तियों का मुख्य लक्षण है। बृहस्पति की दोनों उंगलियों के नाखून छोटे-बड़े अवश्य ही होने चाहिए, नहीं तो व्यक्ति की ग्रहण शक्ति कम होती है। जितना ही अधिक अन्तर बृहस्पति की दोनों उंगलियों के नाखूनों में होता है, उतना ही व्यक्ति भाग्यशाली, समझदार व चालाक होता है और उन्नति भी अधिक करता है।
। बृहस्पति के दोनों नाखून सम होने पर व्यक्ति सीधा होता है। इनमें ग्रहण शक्ति कम होती है। किसी भी बात को देर से समझते हैं और बृहस्पति का नाखून छोटा होने पर व्यक्ति में प्रबन्ध शक्ति अधिक होती है। मस्तिष्क रेखा एक से अधिक होने पर या मस्तिष्क रेखा दोनों ओर से शाखाकार होने पर ये उद्योगपति या बड़े प्रबन्धक होते हैं। बृहस्पति का नाखून गोल होने पर व्यक्ति के गले में दोष पाया जाता है। अन्य दोष होने पर इनको सांस की नली का दमा हो जाता है।
शनि या दूसरी उंगली का नाखून
शनि का नाखून चौकोर, सुन्दर व छोटा होने पर व्यक्ति में मानव सुलभ गुणों की विशेषता पाई जाती है। ये पेड़-पौधों व पशु-पक्षियों सहित जीव मात्र से प्रेम करते हैं। खेती, बागवानी व फुलवारी का इन्हें विशेष शौक होता है। ये व्यक्ति अध्यात्म व दर्शन में रूचि रखते हैं।
सूर्य या तीसरी उंगली का नाखून
सूर्य या तीसरी उंगली का नाखून चौकोर होने पर ऐसे व्यक्ति दस्तकार होते हैं। चौड़ा होने पर इनकी रूचि साहित्य की ओर जाती है।
बुध या चौथी उंगली का नाखून
इंसान की मानसिक रूचि व चरित्र की जानकारी के विषय में बुध की उंगली का नाखून विशेष महत्व रखता है। बुध का नाखून छोटा, चौकोर व सुन्दर होने की
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