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अन्य रेखाओं से मिलकर बनने वाले त्रिकोण का भी फल यद्यपि अच्छा होता है, परन्तु इतना लाभकारी नहीं होता।
जीवन रेखा में दोष होने की दशा में यदि इस पर त्रिकोण हो तो उस आयु में होने वाले रोग या दुर्घटनाओं से रक्षा होती है। जीवन रेखा में त्रिकोण सम्पत्ति निर्माण का एक उत्तम चिन्ह है। निर्दोष व गोलाकार जीवन रेखा में त्रिकोण होने पर व्यक्ति उत्तम तथा बड़ी सम्पत्ति का निर्माण करता है। इनके बनाये हुए निर्माण इनकी पीढ़ी में अपना महत्त्व रखते हैं। इन्हें पैतृक सम्पत्ति भी प्राप्त होती है। ये अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन निर्माण करते हैं। दोषपूर्ण स्थान पर त्रिकोण होने से रोग, मृत्यु आदि खतरों से रक्षा होती है।
शनि के नीचे मस्तिष्क रेखा में दोष होने पर उस आयु में अनेक प्रकार के झंझट व संकट जीवन में आते चित्र : 27 त्रिकोण हैं। यदि यह स्थान किसी त्रिकोण से आच्छादित हो तो संकट तो आते हैं। परन्तु रक्षा हो जाती है। निर्दोष मस्तिष्क रेखा में त्रिकोण होने पर व्यक्ति निरन्तर उन्नति करने वाले व भाग्यशाली होते हैं। जिस आयु में मस्तिष्क रेखा में छोटा व स्वतन्त्र त्रिकोण होता है, उस समय धन व प्रतिष्ठा का लाभ होता है।
दो त्रिकोण मस्तिष्क रेखा के दोनों ओर होकर चतुष्कोण का आकार निर्मित करते हों (देखें चित्र-27) तो मानसिक व आर्थिक परेशानियों से रक्षा होती है, धन लाभ नहीं होता।
जब हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा, भाग्य रेखा एवं जीवन रेखा पर एक ही आयु में स्वतन्त्र कोण होते हैं; तब अचानक धन लाभ होता है या तो किसी कारोबार में विशेष लाभ होकर धनी हो जाते हैं अथवा सट्टे, जुए या लाटरी आदि से विपुल धन या सम्पत्ति प्राप्त होती है। ____ मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा, हृदय रेखा अथवा किसी भी मुख्य रेखा के आरम्भ में त्रिकोण उस विषय के दोषों का निवारण तो करता ही है, साथ ही जीवन भर उस विषय में सन्तोष, सम्पन्नता व पूर्णता देता है। अन्य लक्षणों से भी इस विषय में समन्वय कर लेना चाहिए। जैसे जीवन रेखा के आरम्भ व अन्त में द्वीप जीवन भर कष्टकारक व समस्यापूर्ण फलों का लक्षण है। उसी प्रकार जीवन रेखा के आरम्भ व अन्त में त्रिकोण जीवन में सुख सम्पन्नता व मानसिक शान्ति की गारन्टी करता है। जीवन रेखा में दोनों ओर के त्रिकोण सन्तान, जीवन साथी तथा धन का पूर्ण सुख
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