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या सन्तान को स्वास्थ्य कष्ट, मस्तिष्क रेखा में होने पर धन व मानसिक कष्ट होता है। हृदय रेखा में होने पर यह रोग व मानसिक ठेस का संकेत है।
जाली
खड़ी और आड़ी रेखाओं के काटने पर जाली का चिन्ह बनता है। यह भी हाथ में अशुभ लक्षण है।
बुध के ऊपर जाली व्यक्ति के चरित्र में झूठ, चालाकी, धोखेबाजी आदि अवगुणों का समावेश करती है। यदि इनके हाथ में भाग्य रेखा आरम्भ से अन्त तक बहुत ही पतली हो तो षड़यन्त्रकारी होते हैं। अन्य दोषपूर्ण लक्षण होने पर ऐसे व्यक्ति उच्च कोटि के मक्कार होते हैं। चन्द्रमा पर जाली का चिन्ह जलोदर, स्वप्न दोष या स्वप्न अधिक आने का लक्षण है। ऐसी स्त्रियों को दौरे, बेहोशी आदि के रोग होते हैं। शुक्र पर जाली व्यक्ति को वासना प्रिय बनाती है। ऐसे व्यक्तियों को सहवास के बिना नींद नहीं आती। अन्त में इन्हें पुंसत्व में कमजोरी महसूस होती है। इस सम्बन्ध में अन्य लक्षण भी मिला लेना चाहिए। शनि पर जाली या सीढ़ी जैसी रेखाएं दांतों में रोग व गठिया का निश्चित लक्षण है।
धब्बे या गड्ढे
हाथ या रेखाओं में कभी-कभी काले या लाल रंग के धब्बे देखे जाते हैं और अनेक बार रेखाओं में गड्ढे भी होते हैं। ऐसे धब्बे आकार में बड़े हों तो व्यक्ति को रक्त विकार, आतशक व सुजाक जैसे रोगों की ओर संकेत करते हैं। ____ मस्तिष्क रेखा में छोटे-छोटे धब्बे या गड्ढे उस आयु में जीवन में अशान्ति का द्योतक हैं। इस आयु में विशेष व्यय, हानि, जैसी घटनाएं होती हैं। यदि इस प्रकार के गड्ढे मस्तिष्क रेखा में लगातार कुछ समय तक रहें तो जातक उस आयु के पश्चात् ही उन्नति करते हैं। इस दौरान ऐसे व्यक्ति को कार्य में हानि, रोग या आघात होता है और काम बदलना पड़ता है।
जीवन रेखा में इस प्रकार के गड्ढे या धब्बे किसी रोग की सूचना देते हैं। जिस आयु तक ये धब्बे या गड्ढे जीवन रेखा में होते हैं उस आयु तक व्यक्ति सफल नहीं होता। जिस समय तक ये लक्षण जीवन रेखा में रहते हैं, न तो सुख मिलता है और न ही वह अपने जीवन की प्रगति से सन्तुष्ट होता है।
कभी-कभी हाथों में सफेद धब्बे देखने में आते हैं। इनका रंग हाथ के रंग से विशेष भिन्न होता है और ये सारी हथेली पर होते हैं। यह धन या सन्तान लाभ का
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