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जीवन रेखा के भीतर की ओर स्थित होता है। शुक्र की लम्बाई चौड़ाई, गठन व आकार का मानसिक स्थिति व स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव पड़ता है। शुक्र जब अन्य ग्रहों से ऊंचा तथा सुडौल दिखाई देता हो तब इसे हम उन्नत मानते हैं, और हाथ को शुक्र प्रधान हाथ बोलते हैं। निश्चय करने के लिए अंगूठे को हथेली के साथ लगाकर शुक्र की स्थिति का पता चल जाता है। इस अवस्था में शुक्र स्पष्ट रूप से उठा हुआ या बैठा हुआ, जिस भी स्थिति में होता है, पता चल जाता है।
शुक्र अधिक उठा, अधिक बैठा, अधिक सुडौल गठन वाला या अधिक ढीला अच्छा नहीं माना जाता। शुक्र की स्थिति हाथ में मध्यम ही होनी चाहिए अन्यथा यह व्यक्ति में मनोवैज्ञानिक कमजोरियों का कारण होता है, जिनके प्रभाव से व्यक्ति को जीवन बनाने में देर लगती है। उठा हुआ शुक्र बेहद दोषपूर्ण होता है। यह व्यक्ति को किसी भी तरह से सन्तोष प्रदान नहीं करता। ऐसे व्यक्ति 43 वर्ष की आयु तक अपने जीवन से असन्तुष्ट देखे जाते हैं और सम्यक उन्नति नहीं कर पाते।
हाथ उत्तम होने पर जीवन रेखा गोलाकार, भाग्य रेखा पतली व जीवन रेखा से दूर या संख्या में अनेक, साथ ही मस्तिष्क रेखा उत्तम प्रकार की होने पर व्यक्ति जीवन में उन्नति तो कर जाता है, परन्तु मानसिक सन्तोष 43 या 45 वर्ष की आयु के बाद ही मिल पाता है।
चित्र-23 शुक्र का सम्बन्ध सौन्दर्य पिपासा, कामवासना, गुर्दे व पुंसत्व शक्ति से होता है। अतः उपरोक्त बातों के विषय में विचार करते समय शुक्र का भली-भांति निरीक्षण आवश्यक है।
उत्तम शुक्र व्यक्ति में कई गुणों का संकेत करता है। उत्तम शक्र न अधिक उन्नत, न अधिक बैठा, चौड़ा व कटी-फटी रेखाओं से रहित होता है। ऐसे व्यक्ति स्वनिर्मित, सन्तुलित मस्तिष्क, सतर्क, सौन्दर्य प्रशंसक, साहित्यिक रूचि वाले, विशेषतया कवि या कलाकार होते हैं। ये जीवन में उन्नति करते हैं। हाथ के अन्य लक्षणों को देखकर अन्य बातों का भी पता लगा लेना चाहिए।
बहुत अधिक उन्नत शुक्र विशेष दोषपूर्ण होता है। अतः शुक्र से सम्बन्ध रखने वाले विषयों की अधिकता पाई जाती है जोकि गुणों के स्थान पर दोषों में परिवर्तित हो जाती हैं। यह शुक्र व्यक्ति की उन्नति में बाधक होता है। ऐसे व्यक्तियों के जीवन में 14, 44, 59 व 61 वर्ष बहुत ही झंझट पूर्ण रहते हैं। ये सौन्दर्य पिपासु, अति कामुक, श्रृंगार व अश्लील साहित्य पसन्द करने वाले, वहमी, सतर्क, स्वादिष्ट भोजन करने वाले व सुगन्ध प्रिय होते हैं। बहुत अधिक उठे शुक्र वाला व्यक्ति किसी का भी विश्वास नहीं करता। परन्तु
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