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[२०] श्री शीघ्रबोध भाग २० वा. (१) श्री दशाश्रुतस्कन्ध छेद सूत्र. १ वीस असमाधिस्थान २ एकवीस सबलास्थान ३ तेतीस आशातनाके स्थान ४ आचार्य महाराजकि आठ मपदाय ५ चित्त समाधिके दश स्थान ६ भाषककि इग्याराप्रतिमा ७ मुनियोंकि बारहाप्रतिमा ८ भगवान् वीर प्रभुके पांच कल्याणक ९ मोहनिय कर्मबन्धके तीस स्थान
१० नौ निधांन (नियाणा) अधिकार २१] श्री शीघ्रबोध भाग २१ वां. (१) श्री व्यवहार छेद सूत्र.
१ प्रायश्चित्त विधि २ प्रायाश्चित्तक साधुका विहार ३ गच्छ त्याग एकल विहारी ४ स्वगच्छसे परगच्छमे जाना ५ गच्छ छोडके व्रत भंग करे जीस्कों ६ आलोचना कीसके पास करना ७ दो साधुवोंसे एकके तथा दोनोंके दोष लगेतो
८ बहुत साधुवोंसे कोई भी दोष सेवेतो .. ९प्रायःधित बहता साधु ग्लानहो तों ... १. प्रायः वालकों फोरसे दीक्षा केसे देना : .
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