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(१२) कोइ विदेशी श्रावक आया हुवा है, गुरु महाराज से वार्तालाप करनेके पेस्तर उस विदेशीसे शिष्य वात करे तो आशातना.
(१३) रात्रि समय गुरु पूछते है - भो शिष्यो ! कौन सोते कौन जागते हो ? शिष्य जाग्रत होने पर भी नहीं बोले. भावार्थ - शिष्यका इरादा हो कि अबी बोलुंगा तो लघुनीति परठनेको जाना पडेगा. आशातना.
(१४) शिष्य गौचरी लाके प्रथम लघु साधुवोंको बतलावे पीछे गुरुको बतलावे तो शातना.
(१५) एवं प्रथम लघु मुनियोंके पास गौचरी की आलोचना करे पीछे गुरु के पास आलोचना करें तो आशातना. (१६) शिष्य गौचरी लाके प्रथम लघु मुनियों को आमंत्रण करे और पीछे गुरुको आमंत्रण करे तो आशातना. (१७) गुरुको विगर पूछे अपना इच्छानुसार आहार साधुवों को भेट देवे, जिसमे भी किसी को सरस आहार और कि सीको नीरस आहार देवे तो आशातना.
(१८) शिष्य और गुरु साथमे भोजन करनेको बैठे. इसमे शिष्य अपने मनोज्ञ भोजन कर लेवे तो आशातना. (१९) गुरुके बोलानेसे शिष्य न बोले तो आशातना. ( २० ) गुरुके बोलाने पर शिष्य आसनपर बैठा हुवा उत्तर देवे तो श्राशातना.