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पाणीकी दात । तीसरे सात दिन तीन तीन आहार तीन तीन पाणीकी दात यावत् सातमे सातदिन, सात सात दात आहार पाणी कर लेते है एवं एकोणपचास दिन और एकसो छीनव दात आहार एक सो छीनव दात, पाणी की होती है। फीर बादमें अट अठमिया भिक्षु प्रतिमा तपकरा वह प्रथम आठ दिन एकेक दात्त आहार एकेक दात्त पाणी कि एवं यावत् आठवे आठ दिन तक आठ आठ दात्त आहारकी आठ आठ दात्त पाणीकी सर्व चौसठ दिन और दोय सो इठीयासी दात आहार दोय सो इठीयासी दात पाणीकी होती हैं । बादमें नव नवमियों कि भिक्षु प्रतिमा तप पूर्ववत् इकीयासी दिन और च्यारसो पंच दात्त संख्या होती है । बादमें दश दशमियां भिक्षु प्रतिमा तप करा जिस्का एक सो दिन और साढापांचसो दात्त संख्या होती है। यह प्रतिमा सर्व अभिग्रह तप है बादमें ही बहुतसे मास क्षमणा. दि तप कर केवलज्ञान प्राप्त कर अन्तिम मोक्षमें जा विराजे इति ॥५॥
इसी माफीक महाकृष्णा राणी परन्तु लघु सर्वतों भद्र तप कराथा यथा यंत्र प्रथम ओलीकों तीनमास दशदिन एवं च्यार ओलीकों क वर्ष एकमास दशदिन, पारणा सब रत्नावली तपकि माफीक समझना । अन्तिम मोक्ष मे विराजमान हुवे।६।