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धन्नो नवमास, बेहलकुमर मुनि छे मास, शेष आठ मुनियो बहुत काल दीक्षा पाली । दशो मुनि सर्वार्थसिद्ध वैमान तेतीस सागरोपम कि स्थिति में देवता हुवे वहांसे चवके महाविदह क्षेत्रमे मोक्ष जावेगा इति श्री अनुत्तरो वाइसूत्रके तीसरे वर्गके दशा ध्ययन समाप्तं ।
इति श्री अनुत्तरोववाह सूत्रका मूलपरसे संक्षिप्त सार ।
saat शीघ्रबोध भाग १७ वा समाप्तम्.
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