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शकडालने कहा किस कारण महागोप है ?
गोशालाने कहा कि संसार रूपी महान् अटवी है जिस्म बहनसे जीव, विनाशको प्राप्त होते हुए छिन्न भिन्नादि खराब दशा को पहुंचते हुवे को धर्मरूपी दंड हाथ में ले के सिधा सिद्धपुर पाटणके अन्दर ले जा रहे है वास्ते महागोप वीरप्रभु है।
गंशालाने कहा कि हे शकडाल! यहां महासार्थवाह आये थे? शकडालने कहा कि कोन महासार्थवाह ? गोशालाने कहा कि भगवान् वीरप्रभु महासार्थबाहा है। शकडालने कहा कि कीस कारणसे ?
गोशालाने कहा कि संसाररूपी महा अटवीमें बहुतसे जीव नासते हुवे-यावत् पिलुपत हुवे को धर्मपन्थ बतलाते हुवे निवृतिपुरमें पहुंचा देते है। वास्ते भगवान वीरप्रभु महासार्थ वाह है।
गोशाला बोला कि है शकडाल ! यहां पर महाधर्मकथक आये थे ?
शकडालने कहा कि कोन महाधर्म कथा कहनेवाले । गोशालाने कहा कि भगवान धीरप्रभु । शकडालने कहा कि किस कारणसे ।
गोशालाने कहा कि संसारके अन्दर बहुतसे प्राणी नाश पामते यावत् उन्मार्ग जा रहे है. उन्हों को सन्मार्ग लगाने के लिये महाधर्म कथा केहके चतुर्गति रूपी संसारसे पार करनेवाले भगवान वीरप्रभु महाधर्म कथाके केहनेवाले है। ____ गोशालाने कहा कि हे सकडाल! यहां पर महा निर्जामक आये थे?