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एकादशांग ज्ञानाभ्यास सोला वर्षकी दीक्षा एक मासका अनशन पालके वैभार गिरि पर्वत पर अन्तसमय केवल ले मोक्ष गये। इति ४ एवं क्षेमनामा गाथापति परन्तु वह काकंदी नगरीका था 1५। एवं घृतहर गाथापति काकंदीका।६। एवं कैलास गाथापति परन्तु संकेत नगरका था और बारह वर्षकी दीक्षा ।७। एवं हरिचन्द गाथापति । ८ । एवं वरतनामा गाथापति परन्तु वह राजगृह नगरका था। ९ । एवं सुदर्शन गाथापति परन्तु वाणीया ग्राम नगरका था वह पांच वर्षकी दीक्षा पाल मोक्ष गया। १० ! एवं पुर्णभद्रगाथा । ११ । एवं सुमनभद्र परन्तु सावत्थी नगरीका बहुत वर्ष दीक्षा पाली थी। १२ । एवं सुप्रतिष्ट गाथापति सावत्थी नगरीका सत्तावीश वर्षकी दीक्षा पाल मोक्ष गया । १३ । मेघ गाथापति राजगृह नगरका था वह बहुत वर्ष दीक्षा पाल मोक्ष गया । १४ । यह सब विपुलगिरि-व्यवहारगिरि पर्वतपर मोक्ष गये है। इति।
पन्दरवा अध्ययन-पोलासपुर नगर श्रीवनोधान विजय नामका राजा राज करता था, उस राजाके श्रीदेवी ना. मकी पट्टराणी थी। उस राणीको अतिमुक्त-अमंतो नामका कुमार था वह बडाही सुकुमाल और बाल्यावस्थासे ही वडा होशीयार था
भगवान वीरप्रभु पोलासपुरके श्री वनोधानमें पधारे । वीरप्रभुका बडा शिष्य इन्द्रभूति-गौतमस्वामि छठके पारणे भगवानकी आज्ञाले पोलासपुर नगरमे समुदायी भिक्षाके लिये अटन कर रहेया। - उस समय अमंतो कुमार स्नान मजन कर सुन्दर बना भूषण धारण कर बहुतसे लडके लडकीयों कुमर कुमरियोंके साथ