Book Title: Pushkarmuni Abhinandan Granth
Author(s): Devendramuni, A D Batra, Shreechand Surana
Publisher: Rajasthankesari Adhyatmayogi Upadhyay Shree Pushkar Muni Abhinandan Granth Prakashan Samiti
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श्री पुष्करमुनि अभिनन्दन ग्रन्थ
अद्भुत प्रभाव
श्री जोहरीमलजी मुथा ( रायचूर )
परम श्रद्धेय सद्गुरुवर्य अध्यात्मयोगी उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी महाराज के दर्शन मैंने अनेकों बार किये । हमारा संघ गुरुदेव श्री के वर्षावास हेतु दीर्घकाल तक प्रयत्न करता रहा। कई बार हमारे अन्तर्मानस में निराशा भी हुई। किन्तु सच्चे हृदय से की गयी हमारी प्रार्थना से गुरुदेव श्री ने अन्त में रायचूर वर्षावास की स्वीकृति प्रदान की। कर्नाटक में श्रावकों के घर दूर-दूर आते हैं, लम्बे विहार करने पड़ते हैं। सन्तों को विहार में अत्यधिक कष्ट उठाना पड़ता है । तथापि भक्तों की भक्ति से प्रभावित होकर गुरुदेव श्री कर्नाटक में पधारे। गुरुदेव श्री कर्नाटक में जहाँ पधारे छोटे से छोटे गाँव में वहाँ पर भी अपूर्व दृश्य दिखायी दिया। गुरुदेव श्री के सम्पर्क में आकर सैकड़ों युवकों का जीवन ही बदल गया। ऐसे युवक, जो कभी भी हन्तों के सम्पर्क में नहीं आते हैं वे भी गुरुदेव श्री की विहारयात्रा में सौ-सौ मील तक अपना सामान स्वयं उठाकर चलते रहे । अद्भुत है गुरुदेवश्री का प्रभाव । जो व्यक्ति एक भी उपवास नहीं करते उन व्यक्तियों ने भी दीर्घ तपस्याएँ कीं । गुरुदेव श्री का रायचूर वर्षावास बड़ा ही प्रभावशाली, तेजस्वी रहा, जहाँ पर सिर्फ एक सौ दस घर होते हुए भी ग्यारह मासखमण हुए, पैन्तालीस व इकसठ तथा अन्य इतनी तपस्या हुई जिसे देखकर हम स्वयं चकित थे ।
इतना महान् है कि उनके हमारे परिवार पर गुरुदेव हमारे घर के प्रत्येक सदस्य के अन्तर्मानस में गुरुदेव श्री के प्रति गहरी श्रद्धा है । हम ज्यो-ज्यों उनके निकट सम्पर्क में आते गये त्यों-त्यों श्रद्धा की फुलवारी विकसित होती गयी। जब हम लम्बे समय तक गुरुदेव श्री के दर्शन नहीं करते हैं तो मन में अजीब तरह की छटपटाहट पैदा होती है। गुरुदेव श्री के दर्शन करते ही मन में एक निराला आनन्द पैदा होता है। मन चाहता है कि गुरुदेव श्री के चरणों में ही बैठे रहें । वस्तुतः गुरुचरणों का सान्निध्य उन्हीं महान आत्माओं को मिलता है जो महान् पुण्यधारी हैं ।
गुरुदेव श्री के सम्बन्ध में हृदय चाहता है कि बहुत कुछ लिखूं पर सोचता है कि गुरुओं के गुणों का वर्णन तो साक्षात् सरस्वती भी पूर्णरूप से नहीं कर सकती तो मेरी क्या हस्ती है । मेरी सद्गुरुदेव के चरणों में अत्यन्त निष्ठा है। मैं मानता हूँ कि वे महान् तेजस्वी सन्त हैं । उनके समान सन्त बहुत ही कम हैं। मैं अपनी ओर से तथा अपने परिवार की ओर से गुरुदेव श्री का हार्दिक अभिनन्दन करता है कि वे पूर्ण स्वस्थ रहकर हमारा सदा मार्गदर्शन करते रहें जिससे हम धर्म के क्षेत्र में अपना विकास करें ।
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गुरुदेव श्री का व्यक्तित्व कदम-कदम पर नवनिधान हैं। श्री की असीम कृपा रही है।
विश्वचेतना के देवदूत
श्री खेमराज जी कोठारी (बम्बई)
सन्त विश्व चेतना को विकसित करने वाले देवदूत हैं, अज्ञान अन्धकार के गहन अन्धकार में भटकते हुए व्यक्तियों के लिए प्रकाशस्तम्भ है, अशांति, साम्प्रदायिक भाव, वैमन स्यता के बादलों को नष्ट करने वाले दाक्षिणात्य पवन हैं ।
उन्हीं सन्त परम्परा के देदीप्यमान सितारे हैं उपाध्याय पुष्कर मुनि जी महाराज |
मैंने सद्गुरुदेव श्री के दर्शन बहुत छोटी उम्र में किये थे। मेरे पूज्य पिताश्री और मातेश्वरी आदि भी गुरुदेव
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